हर्षोल्लास और गर्व के बीच मनाया गया ख्रीस्त राजा का पर्व

हर्षोल्लास और गर्व के बीच मनाया गया ख्रीस्त राजा का पर्व
निकाली गई शोभायात्रा, दिया गया प्रभु ईशु का संदेश
गाजीपुर। राजाओं का राजा ख्रीस्त राजा के पर्व रविवार को हर्षोल्लास और गर्व के बीच मनाया गया। इस अवसर पर सिंचाई चौहारा स्थित लूदर्स काथोलिक चर्च से सुबह सिख समुदाय के लोगों ने शोभा यात्रा निकाली। झांकियों के साथ निकली यात्रा अर्बन बैंक, लंका, बड़ीबाग, लंका चुंगी होते हुए पुन: चर्च में पहुंचकर समाप्त हुई। यात्रा में शामिल समुदाय के लोग प्रभु ईसा मसीह की आराधना करते और लोगों को उनका संदेश देते हुए चल रहे थे।
शोभायात्रा में शामिल बालिकाएं फूल बिखेरते चल रही थी। गायक मंडली ईसा मसीह के सम्मान में भजन-कीर्तन एवं प्रार्थना करते हुए चल रहे थे। यह शोभा यात्रा लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। यात्रा से पूर्व लूदर्स चर्च में प्रार्थना सभा हुई।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सांसारिक राजा का स्मरण हमें सामाजिक मान-सम्मान, प्रतिभा, शक्ति, निरंकुशता की याद दिलाता है।
प्रभु ईशु ख्रीस्त के राजा की परिकल्पना से आध्यात्मिक शक्ति एवं एक ऐसे राज्य का परिदृश्य सामने आता है, जहां पूजा के बीच प्रेम, शक्ति, खुशहाली आनंद एवं सौहार्द से है। ईशु ख्रीस्त ने राजा के रूप में एक विनम्र शांतिप्रिय एवं सत्य को स्थापित किया। ख्रीस्त राजा पर्व को सर्व प्रथम संत पाया पायस ग्यारहवें ने 1925 ई. में स्थापित किया।
जब दुनिया प्रथम विश्व युद्ध की विभिषिका झेल रहा था एवं दुनिया में वस्तुवाद एवं नाष्तिकता बढ़ रहा था तो ईशु ख्रीस्त को शांति के राजा के रूप में स्थापित किया गया। बाद में संत पिता पोलूंस छठवें ने 1969 में एक अधिकारिक प्रपत्र द्वारा कौथोलिक कलीसिया में हमेशा के लिए सम्मिलित किया।
बताया कि यह पर्व ख्रीस्तिय समाज के विभिन्न समुदायों द्वारा संयुक्त रूप से मनाया जाता है। शोभा यात्रा में लूर्द माता चर्च से फादर अजय, फादर अजीत और फादर आनंद (सेंट जांस के प्रधानाचार्य), फादर अरुलप्पन, लूर्दस कान्वेंट की प्रधानाचार्य सिस्टर अल्फोंसा, सेंटमेरी की स्कूल की प्रधानाचार्य सि. जमीला, सि. प्रीति, सि. ग्रेटी, सि. अंजना, सि. प्रमिला सहित समुदाय के सैकड़ों महिला-पुरुष और बच्चे शामिल रहे।