सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे नलिनी और आरपी रविचंद्रन सहित छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है।
इस आदेश के बाद एस नलिनी, जयकुमार, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा और श्रीहरन को रिहा कर दिया जाएगा। जेल में उनका आचरण अच्छा पाया गया और उन सभी ने जेल में रहने के दौरान विभिन्न डिग्री हासिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को रिहा करने के अपने 18 मई 2022 के फैसले को शेष आजीवन दोषियों पर भी लागू किया है।
अदालत ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने 9 सितंबर, 2018 को उनकी रिहाई की सिफारिश की थी और यह राय राज्यपाल के लिए बाध्यकारी होगी, जिनके समक्ष दोषियों ने माफी याचिका दायर की थी।
कांग्रेस ने दी ये प्रतिक्रिया
कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी इन-चार्ज कम्युनिकेशंस जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व पीएम राजीव गांधी के शेष हत्यारों को मुक्त करने का SC का निर्णय अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस इसकी आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया।
21 मई 1991 को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु में हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में पेरारिवलन समेत 7 लोगों को दोषी पाया गया था। टाडा अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई थी।