अयोध्या में सिविल वर्क और सौंदर्यीकरण के लिए 55 करोड़ मंजूर, एनएचएआइ ने जारी किए टेंडर

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने अयोध्या में सिविल वर्क और सौंदर्यीकरण के लिए 55 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए आगामी पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन से पहले अयोध्या को संवारने के लिए यह कदम उठाया गया है। सूत्रों ने बताया कि एनएचएआइ मुख्यालय ने सिविल कार्य और सौंदर्यीकरण के कार्यों के लिए दो अलग-अलग टेंडर जारी किए हैं। इसमें इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण कार्य के लिए क्रमश: 40 करोड़ और 15 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।
सिविल वर्क का टेंडर 35 करोड़ रुपए का है जिसे एनएचएआइ का रीजनल कार्यालय आवंटित कर रहा है। अब तक 30 फीसद काम पूरा हो चुका है। इसी 29 जुलाई को अयोध्या अंडरपास के सौंदर्यीकरण के लिए अलग से टेंडर जारी किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी पांच अगस्त को राम मंदिर के निर्माण के लिए अयोध्या में भूमि पूजन करेंगे। इसके बाद ही भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। सूत्रों के अनुसार इस दिन अयोध्या में दीपोत्सव मनाने की तैयारी है। इसके साथ ही देश भर में मंदिरों और घरों में दिए जलाए जाएंगे।
पांच अगस्त को राम जन्मभूमि पर भूमि पूजन में कोई कसर न रह जाए, इसलिए तैयारियां जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को खुद तैयारियों का जायजा लिया। राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पांच अगस्त को सड़क से लेकर आसमान तक निगरानी के इंतजाम होंगे। भूमि पूजन स्थल पर एसपीजी और सीआरपीएफ का कड़ा पहरा होगा। इसके बाद पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और पुलिस की घेराबंदी होगी। इस वैश्विक और ऐतिहासिक आयोजन के गवाह देश ही नहीं, विदेश के लोग भी बन सके इसके लिए दूरदर्शन पर इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर के भूमिपूजन समारोह के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, भय्याजी जोशी एवं डॉ. कृष्णगोपाल भी आमंत्रित किए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोग इस सूची को गंभीर सोच-विचार के बाद अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। दो सौ लोगों की सूची चार श्रेणियों में विभाजित है। इन्हीं चार में से एक श्रेणी देश की विभूतियों की है। इसमें कला, साहित्य, संस्कृति और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े शीर्ष लोग शामिल हैं। इसी श्रेणी में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी शामिल हैं।
