इस बार हाथी पर सवार हो कर आ रही हैं मां दुर्गा-आचार्य पंडित अभिषेक
बन रहे हैं बहुत ही शुभ संयोग और दुर्लभ योग
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष शादीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी कि 26 सितंबर 2022 सोमवार से प्रारंभ हो रही है, जो 5 अक्टूबर 2022 तक रहेगी। इस बार मातारानी हाथी पर सवार होकर आ रही है और बन रहे हैं बहुत ही शुभ संयोग और दुर्लभ योग। आओ जानते हैं शुभ मुहूर्त।
तिथि : आश्विन नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर 2022 सोमवार को सुबह 03 बजकर 23 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 27 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी।
आचार्य पंडित अभिषेक तिवारी ने बताया की देवी भागवत पुराण अनुसार इस श्लोक से जानें कि माता कि सवारी कैसे तय होती है-
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
अर्थात : यदि नवरात्रि सोमवार या रविवार से प्रारंभ हो तो माता हाथी पर सवार होकर आती हैं। यदि वह दिन शनिवार या मंगलवार हो तो माता की सवारी घोड़ा होता है और शुक्रवार या गुरुवार को नवरात्रि शुरु होती है तो मातारानी डोली में विराजमान होकर आती हैं। यदि बुधवार दिन हो तो माता का आगमन नौका में होता है।
हाथी की सवारी का फल : कहते हैं कि जब माता हाथी पर सवार होकर आती है तो वर्षा अधिक होने का संकेत है। जिससे चारों ओर हरियाली छा जाएगी। फसलें भी अच्छी होंगी। देश में अन्न के भंडार भरेंगे, संपन्नता, धन और धान्य में वृद्धि होगी। माता का आगमन हाथी और नौका पर होता तो वह साधक के लिए कल्याणकारी होता है।
नवरात्रि पर कलश स्थापना और पूजा के शुभ मुहूर्त
– सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
– अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:06 से 12:54 तक रहेगा।
– विजय मुहूर्त : दोपहर : 02:30 से 03:18 तक।
– गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:19 से 06:43 तक।
– सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:31 से 07:43 तक।
नवरात्रि के शुभ योग
– शुक्ल योग सुबह 08:05 तक, उसके बाद ब्रह्म योग।
– हस्त नक्षत्र : 26 सितंबर प्रात: 05:55 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन प्रात: 06:16 बजे तक। उसके बाद चित्रा