संत,धर्म, संस्कृति, सदाचारी,महापुरूष को कष्ट देने वाला व्यक्ति के कुल खानदान का होता है ह्रास -जीयर स्वामी

संत,धर्म, संस्कृति, सदाचारी,महापुरूष को कष्ट देने वाला व्यक्ति के कुल खानदान का होता है ह्रास -जीयर स्वामी
महापुरूषों के चरणों में पुरे दुनिया का तीर्थ,व्रत होता है।
बलिया जनपद के जनेश्वर मिश्रा सेतु के एप्रोच मार्ग के पास आयोजित चातुर्मास ब्रत के दौरान श्री लक्ष्मी प्रपन्न पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा की
शास्त्र की आज्ञा है कि विष पीने से, हलाहल खाने से जो खाएगा वहीं मरेगा। परंतु संत,धर्म, संस्कृति, सदाचारी इत्यादि महापुरूष को यदि कोई किसी प्रकार से परेशान करता है कष्ट देता है, कहीं उसके साथ गलत व्यवहार करता है तो केवल उस व्यक्ति का ही नही बल्कि उसके कुल खानदान का ह्रास हो जाता है। विनाश हो जाता है। भगवान ने स्पष्ट कहा है कि पढा हो या नही पढा हो, सदाचारी, संत, महात्मा, ज्ञानी, विद्वान इत्यादि हो, विप्र हो उसका शरीर हमारा शरीर है। उसके लिए अंतिम तक प्रयास करता हूं।
हमारे यहां शास्त्रों में मनीषियों ने चरणामृत की बात बताई है। चरण की बात आती है। लेकिन जो उसका अधिकारी हो उसके चरणामृत और चरण की बात आती है। जिसका रहन-सहन, उठन-बैठन, बोल चाल, खान पान, यह सब अच्छा हो। हमारे वैष्णव सम्प्रदाय में गुरू के चरण में गेर, तेल इत्यादि लगाकर कपड़ा में छापा लगाकर उसका चिन्ह सिर पर रखने की बात आती है। चरण की महिमा बताई गई है। कहीं भी शास्त्रों में महापुरुषों के चरण का ही वंदन किया गया है। क्योंकि महापुरूषों के चरण में पुरे दुनिया का तीर्थ,व्रत होता है। शास्त्र में भी बताया गया है कि सबसे पहले परमात्मा के चरणों का ही ध्यान करना चाहिए।