गाजीपुर शहर के कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, बढ़ी लोगों की परेशानी

गाजीपुर शहर के कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, बढ़ी लोगों की परेशानी
जिले के सैकड़ों गांव बाढ़ से है प्रभावित, पलायन कर रहे बाढ पीड़ित
पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने किया बाढ़ का निरीक्षण
गाजीपुर। कई दिनों से गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सोमवार की सुबह जहां मां गंगा स्थिर रही, वहीं दोपहर से दो-दो घंटा में एक सेंटीमीटर बढ़ाव जारी रहा। जिले के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित है।
नाला के माध्यम से शहर के कई इलाकों में पानी पहुंच गया। तमाम दुकान-मकान पानी से घिर गए है। इससे लोगों की परेशान बढ़ गई है। जिलाधिकारी एम पी सिंह लगातार बाढ़ का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
मालूम हो कि ढोलपुर डैम एवं माता टाला डैम से क्रमशः 18,31,587 क्यूसेक एंव 384,954 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि का क्रम शुरु हो गया था।
बीते शुक्रवार की भोर में गंगा खतरा के निशान को पार कर गई थी। सेवराई तहसील के कई इलाकों के मार्ग बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब गए। इसके साथ जिले के अन्य कई ग्रामीण क्षेत्रों के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए है। नाला के माध्यम से शहर के खुदाईपुरा, लकड़ी का टाल और तुलसिया के साथ ही बंधवा इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। तमाम मकान और दुकानें पानी से घिर गई है।
इससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। ग्रामीण इलाकों के तमाम बाढ़ पीड़ित पलायन करते हुए बाढ़ चौकियों और सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। जिलाधिकारी एमपी सिंह लगातार बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। इस संबंध में केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी मो. मेराजुद्दीन ने बताया कि सोमवार की सुबह गंगा 8 बजे गंगा स्थिर हो गई थी। लेकिन दोपहर बाद दो-दो घंटा में एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ाव का क्रम जारी हो गया। उधर पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने बाढ़ प्रभावित कई क्षेत्रों का नाव से निरीक्षण दिया। इस दौरान संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।