वैश्विक स्तर पर चिप संकट से सभी क्षेत्र प्रभावित ,इस साल के अंत तक राहत की उम्मीद

वैश्विक स्तर पर चिप संकट से सभी क्षेत्र प्रभावित ,इस साल के अंत तक राहत की उम्मीद
कोरोना महामारी से वैश्विक स्तर पर चिप यानी सेमिकंडकटर का संकट पैदा हुआ जिससे सप्लाई की श्रृंखला प्रभावित हुई और chip की मांग बढ़ती चली गई। चिप आपूर्ति को प्री पैंडेमिक की स्थिति में ले जाने की तमाम कोशिशों के बावजूद ,अभी सब असंभव लग रहा। कंपनियों ने फिलहाल वो फीचर जिसमें चिप का उपयोग हो उसका उत्पादन कम कर दिया है।
उदाहरण के तौर पर ऑटोमेकर ने नई कारों में सिंगल key को देना शुरु कर दिया है और दूसरी कंपनियों ने छोटी डिस्पले की स्क्रीन बगैर म्यूजिक सिस्टम के बनाना शुरु कर दिया है ताकि चिप की कमी को कुछ हद तक काबू किया जा सके।
लेकिन इन सभी के बावजूद ग्राहकों को नये मॉडल की कारों के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ रहा ।
टाटा और हुंडई कंपनी ने दो keys की जगह सिंगल key देना शुरु कर दिया है इस वादे के साथ की वो भविष्य में डबल कर देंगे ।छोटी डिस्पले की स्क्रीन बिना म्यूजिक सिस्टम के टाटा ने Tiago को लॉन्च किया है।स्कोडा ने Slavia में स्क्रीन को दस से आठ इंच का कर दिया है।
बैंकों ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए ग्राहकों को इंतजार करने के लिए बोल दिया है।
दूरसंचार कंपनियों ने सिम का दाम पांच गुणा बढ़ा दिया है ।और मोबाइल बनाने वाली कंपनियों से बोला है कि वो दस हजार तक फोन में ESim के स्लॉट का फीचर दें।
हालांकि JP Morgan के रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इस साल के अंत तक स्थिति बेहतर होगी लेकिन दूसरे रिसर्च के हिसाब से 2024 तक स्थिति बेहतर होने का दावा।।