हिन्दू मुस्लिम एकता के मलिक बाबा का वार्षिक पूजन सम्पन्न

हिन्दू मुस्लिम एकता के मलिक बाबा का वार्षिक पूजन सम्पन्न
सदियों से रक्षावंधन के दिन होता है इनका वार्षिक पूजन
गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील के करीमुद्दीनपुर में सदियों से विराजमान गंगा जमुनी तहजीब एवं संस्कृति के प्रतीक मलिक बाबा का वार्षिक पूजन रक्षाबंधन के दिन सम्पन्न हो गया।करीमुद्दीनपुर गांव के पूरब में मलिक बाबा का मजार स्थित है।
आइये जानते हैं हर विपत्ति एवं महामारी से गांव की रक्षा करने वाले मलिक बाबा के बारे में।
मुगल शासन के समय इस्लाम धर्म के प्रचार प्रसार के लिए मुगल शासकों के द्वारा कुछ लोगों को जिम्मेदारी दी गयी थी।
उसी में एक सूफी के रूप में करीम मिया का आगमन इस गांव में हुआ था।
ताजुद्दीन मिया.ढोढा मिया और युसूफ मिया भी उसी समय क्षेत्र में इस्लाम धर्म के प्रचार के लिए आये थे।
इन सभी के खाने पीने की ब्यवस्था उस समय ग्रामीणों के द्वारा की गयी थी।
बाद में इनके नाम पर क्रमशःकरीमुद्दीनपुर. ताजपुर. ढोढाडीह और युसूफपुर का नाम रक्खा गया।
करीमुद्दीनपुर में एक दिन करीम मियां उर्फ मलिक बाबा की हत्या कर दी गयी फलस्वरूप मलिक बाबा के कोप का शिकार पूरा गांव हो गया।
बाद में मलिक बाबा से अनुनय विनय के पश्चात हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोगों ने तय किया की रक्षावंधन के दिन हम आपका वार्षिक पूजन करेंगे।आपसी सहमति के अनुसार हिन्दू धर्म के लोगों के यहां पुत्र के पैदा होने एवं शादी होने पर सवा गज.पांच गज चादर एवं रोट का प्रसाद चढाया जाता है वहीं मुस्लिम धर्म के लोग भी चादर के साथ प्रसाद में मलिदा चढाते है।
बदले में मलिक बाबा सदैव इस गांव की हर तरह से रक्षा एवं सुरक्षा करते हैं।
रक्षावंधन से पूर्व चादर को गांव में घुमाया गया।उसके पश्चात कुरानख्वानी का आयोजन किया गया।सुबह में मलिक बाबा की चादरपोशी सम्पन्न की गयी।
इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान एवं ग्रामवासियों का सहयोग रहता है।
वार्षिक पूजन के दिन मलिक बाबा के मजार पर सजावट एवं सुन्दर ब्यवस्था की गयी थी।
इस मौके पर ग्राम प्रधान पति अलीम एवं प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद फैयाज असलम टेलर.नसरूल्लाह. सलीम.तशरीफ समेत अन्य लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे।