June 25, 2025

जस्टिस उदय उमेश ललित सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) नियुक्त ,देश के 49 वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर तक होगा

PTI07_30_2022_000119B_770_1200_1200x768

जस्टिस उदय उमेश ललित सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) नियुक्त ,देश के 49 वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर तक होगा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस उदय उमेश ललित को सुप्रीम कोर्ट का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया है. 27 अगस्त को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर तक होगा.

जस्टिस उदय उमेश ललित भारत के 49वें सीजेआई नियुक्त कर दिया गया है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के तात्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने जस्टिस उदय उमेश ललित के नाम की सिफारिश उनके उत्तराधिकारी के रूप में की थी. शपथ लेने के बाद जस्टिस ललित भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. एन. वी. रमना 26 अगस्त को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं.

तय परंपरा के मुताबिक तात्कालीन सीजेआई को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सुप्रीम कोर्ट के ही सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करनी होती है. जस्टिस उदय उमेश ललित वरिष्ठता क्रम में जस्टिस रमणा के बाद दूसरे स्थान पर आते हैं.

जस्टिस यूयू ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था. न्यायमूर्ति ललित जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए थे. जनवरी 1986 में उन्होंने दिल्ली आने से पहले दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की थी.

क्रिमिनल लॉ विशेषज्ञ है जस्टिस ललित

 

जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञ हैं और उन्होंने 2जी मामलों में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक के रूप में काम किया है. लगातार दो कार्यकाल तक वो सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य के रूप में काम किया है.

अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाने वाले ललित ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस होंगे जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाई कोर्ट में जज नहीं थे. वो सीधे वकील से इस पद पर पहुंचे थे. उनसे पहले 1971 में देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश एस एम सीकरी ने यह उपलब्धि हासिल की थी.

अयोध्या केस से खुद को किया था अलग


10 जनवरी 2019 को जस्टिस यू यू ललित ने खुद को अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच से खुद को अलग कर लिया था. उन्होंने तर्क दिया था कि करीब 20 साल पहले वह अयोध्या विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके थे.

जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कई महत्वपूर्ण निणय दिये हैं. जिनमें सबसे महत्वपूर्ण तीन तलाक, केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर पर त्रावणकोर शाही परिवार का दावा और पॉक्सो से जुड़े कानून पर उन्होंने महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं.

कार्यकाल कब तक ?

न्यायमूर्ति ललित यदि अगले सीजेआई नियुक्त होते हैं तो उनका कार्यकाल तीन महीने से भी कम का होगा और वह आठ नवंबर को रिटायर होंगे. इस समय जस्टिस नथलापति वेंकेट रमना भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश हैं. उनकी सिफारिश पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबड़े ने की थी.

About Post Author