पाकिस्तानी सेना से लड़ाई में शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान का 74वां शहादत दिवस आज
जरा याद करो कुर्बानी…
मऊ। स्थानीय तहसील क्षेत्र से सटे एवं मधुबन तहसील क्षेत्र के बीबीपुर गांव निवासी एवं पाकिस्तानी सेना से लड़ाई में शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान का 74वां शहादत दिवस रविवार को उनके पैतृक गांव मनाया जायेगा।इस दिवस का कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष बाद किया जायेगा।
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान का जन्म ब्रिटिश भारत के संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के मधुबन तहसील के बीबीपुर गांव) आगरा एवं अवध के बीबीपुर गांव में 15 जुलाई 1912को हुआ था।ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान गुलाम भारत के समय रॉयल मिलिटरी एकेडमी में स्वयं का प्रवेश लेने में सफल रहे।सैन्य जीवन के लिए उन्हें केमिरोयनज पर 19मार्च 1935में नियुक्त किया गया।ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान एमवीसी भारत पाकिस्तान में शहीद सैन्य अधिकारी हैं। भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय उन्होंने ने कई मुस्लिम अधिकारियों के साथ पाकिस्तान सेना में जाने से इंकार कर दिया था और भारत की सैन्य सेना में अपनी सेवा पूरी ईमानदारी एवं लगन से देना जारी रखा।जम्मू कश्मीर के नौसेरा में पाकिस्तानी सेना से लड़ाई लड़ते हुए तीन जुलाई 1948को वे शहीद हो गये।मरणोपरांत उन्हें भारत सरकार ने महावीर चक्र से सम्मानित करने के साथ ही बहुत से पदों एवं इनामों से भी विभूषित किया।ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने 10वीं बलूच रेजीमेंट, 50वीं एवं 77वीं पैरा ब्रिगेड का भी उन्होंने नेतृत्व किया था।जब पाकिस्तानी सैनिकों के छक्कें छुड़ाये थे तो पाकिस्तानी सैनिकों ने ब्रिगेडियर के सिर के लिए 50000 रूपये ईनाम घोषित किया था फिर भी उनके नाकों चने दबवाये माहिर थे परंतु आज प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनीतिक उपेक्षाओं के कारण उनका पैतृक घर खंडहर में तब्दील हो चुका है।किसी भी अधिकारी एवं राजनेताओं ने इस महान भारत के सपूत को याद करने की आवश्यकता महसूस नहीं की है।उनके पैतृक गांव बीबीपुर में उनके घरों की दुर्दशा को देखकर लोगों के आंखों में आंसू आ जाता है ।जिसने स्वयं को कुर्बान करने अपने देशवासियों को सुरक्षित करने का कार्य किया । आज उसे कोई भी याद करने या सुध लेने वाला नही नजर आता है।इनका कब्र स्मारक के रुप में नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के परिसर में संरक्षित है।फिलहाल आज तीन जुलाई 2022दिन रविवार को उनके पैतृक गांव बीबीपुर में 74वां शहादत दिवस समारोह पूर्वक मनाया जा रहा है।