June 24, 2025

हिंदी की लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि'(टॉम्ब ऑफ सैंड ) को मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज

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हिंदी की लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि'(टॉम्ब ऑफ सैंड ) को मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज

लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज मिला है. इसे डेजी रॉकवेल ने ट्रांसलेट किया है. यह विश्व की उन 13 पुस्तकों में शामिल थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए लिस्ट में शामिल किया गया था.

यह हिंदी भाषा में पहला ‘फिक्शन’ है जो इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार की दौड़ में शामिल था.

‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की पहली किताब बन गई है. गुरुवार को लंदन में एक समारोह में लेखिका ने कहा कि वह “बोल्ट फ्रॉम द ब्लू” से “पूरी तरह से अभिभूत” थीं. उन्होंने 50,000 GBP का अपना पुरस्कार लिया और पुस्तक के अंग्रेजी अनुवादक, डेजी रॉकवेल के साथ इसे साझा किया.

अमेरिका के वरमोंट में रहने वाली एक चित्रकार, लेखिका और अनुवादक रॉकवेल ने उनके साथ मंच साझा किया.

कौन हैं गीतांजलि श्री

गीतांजलि श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखती हैं. श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं. उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है. दिल्ली में रहने वाली 64 वर्षीय लेखिका श्री की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं. उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है.

क्या है बुकर प्राइज

यह पुस्कार अंग्रेजी में ट्रांसलेट और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को हर साल दिया जाता है. 2022 के पुरस्कार के लिए चयनित पुस्तक की घोषणा सात अप्रैल को लंदन बुक फेयर में की गई थी. जबकि विजेता का ऐलान अब किया गया है.

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