कोरोनावायरस : ओमिक्रोन बीए 4 ने भारत में दी दस्तक, हैदराबाद में पाया गया सबवेरिएंट का पहला मामला

कोरोनावायरस : ओमिक्रोन बीए 4 ने भारत में दी दस्तक, हैदराबाद में पाया गया सबवेरिएंट का पहला मामला
कोरोनावायरस का प्रकोप दुनियाभर में अब भी हावी है और दूसरी तरफ संक्रमण के नए-नए वेरिएंट और सबवेरिएंट सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में भारत में ओमिक्रोन के BA.4 सबवेरिएंट का पहला मामला गुरुवार को हैदराबाद में पाया गया है। Covid-19 जीनोमिक सर्विलांस प्रोग्राम के जरिए इस पहले केस का पता लगा है।
भारतीय SARS-CoV-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स से जुड़े वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत से, BA.4 सबवेरिएंट की डिटेल GISAID पर 9 मई को दर्ज की गई थी। इसकी पुष्टि करते हुए, आईसीएमआर के एक वैज्ञानिक ने भी पिछले कुछ दिनों में देश के दूसरे शहरों में अचानक ही BA.4 केस का पता चलने की संभावना जताई है। SARS CoV 2 वायरस का यह स्ट्रेन बेहद ही घातक है और इम्यूनिटी को कमजोर कर देता। दक्षिण अफ्रीका में BA.2 सबवेरिएंट जैसे नए कोरोनावायरस संक्रमणों की एक बड़ी लहर पीछे भी ये स्ट्रेन ही जिम्मेदार था। हालांकि, वैज्ञानिकों की राय है कि इस साल जनवरी में भारत में आई ओमिक्रोन लहर के कारण भारतीय आबादी में इम्यूनिटी अच्छे खासे स्तर पर मजबूत हुई है।
इसे देखते हुए कोरोना की और नई लहर आने की संभावना काफी कम है। अमेरिका में मंकीपॉक्स का पहला केस मिला, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “हम आने वाले दिनों में इसी तरह के कम मामलों की उम्मीद करते हैं। साथ ही इसकी भी कम संभावना है कि Covid-19 गंभीर स्थिति के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में कोई इजाफा होगा।” पहली बार अफ्रीका में पाया गया BA.5 के साथ सबवेरिएंट BA.4 को पहली बार इस साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया था, जबकि भारत Covid-19 की तीसरी लहर से गुजर रहा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमिक्रोन सबवेरिएंट BA.4 और BA.5 दुनिया भर में Covid-19 के प्रकोप को चलाने वाले एक दर्जन से ज्यादा देशों में पाए गए हैं। WHO के तकनीकी नेतृत्व के अनुसार, कम से कम 16 देशों ने BA.4 के लगभग 700 मामले दर्ज किए हैं, जबकि BA.5 के 300 से ज्यादा मामले कम से कम 17 देशों में पाए गए हैं। बुधवार को संगठन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक प्रश्नोत्तर के दौरान वैन केरखोव के हवाले से कहा गया कि नए सब-वेरिएंट ओरिजनल ओमिक्रोन स्ट्रेन के रूप में ज्यादा गंभीर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन वे ज्यादा संक्रामक लगते हैं।