पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक संकट को देखते हुए फिर से आपातकाल लगाया गया,भारत अब तक 3 अरब डॉलर की मदद कर चुका
एक अप्रैल को भी आपातकाल की घोषणा की थी हालांकि, पांच अप्रैल को इसे वापस ले लिया गया था मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में पीएम महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की गई
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल की घोषणा की जोकि शुक्रवार रात से प्रभावी होगा।
राष्ट्रपति कार्यालय के मीडिया प्रभाग ने यह जानकारी दी। राजपक्षे ने उनके निजी आवास के बाहर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन के बाद एक अप्रैल को भी आपातकाल की घोषणा की थी। हालांकि, पांच अप्रैल को इसे वापस ले लिया गया था। आपातकाल के तहत पुलिस और सुरक्षा बलों को मनमाने तरीके से किसी को भी गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने की शक्ति मिल जाती है।
क्यों लगा आपातकाल?
मीडिया प्रभाग के मुताबिक, राजपक्षे का यह निर्णय जनता की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं को बरकरार रखने के लिए है ताकि देश का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित हो सके। श्रीलंका में जनता द्वारा पिछले कई सप्ताह से राष्ट्रपति और सरकार के इस्तीफे की मांग के बीच आपातकाल लागू करने का फैसला लिया गया है। हालांकि, इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बावजूद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके बड़े भाई व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है।
भारत ने श्रीलंका को 3 अरब डॉलर की मदद दी
भारतीय उच्चायोग के अनुसार भारत ने कर्ज में डूबे श्रीलंका को इस साल जनवरी से ऋण, क्रेडिट लाइनों और क्रेडिट स्वैप में 3 अरब डॉलर से अधिक की मदद दी है, क्योंकि यह देश आजादी के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। भारत ने श्रीलंका के तेजी से घटते ईंधन स्टॉक को फिर से भरने के लिए अपनी मौजूदा वित्तीय मदद को 200 मिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया था।