June 24, 2025

अन्याय-अत्याचार का विरोध करते थे भगवान परशुरामःव्यासमुनी राय

 

 

उल्लास के साथ मनाया गया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव

गाजीपुर। स्वामी सहजानंद सरस्वती स्मृति न्यास द्वारा प्रवर्तित ब्रह्मर्षि जागरण मंच गाजीपुर के तत्वावधान में शास्त्री नगर मुहल्ला में परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ हवन यज्ञ एवं भगवान परशुराम के पूजन आरती से हुआ। इसमें अखिल विश्व के कल्याण, सद्बूद्धि संवर्धन के लिए वेदमाता देवमाता, विश्वमाता गायत्री, महामृत्युंजय एवं परशुराम गायत्री महामंत्रो से आहुतियां डाली गई।
इस मौके पर भगवान परशुराम और उनके सिद्धांतों की आज के समय में प्रासंगिकता विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में डा. व्यास मुनि राय ने कहा कि भगवान परशुराम अन्याय और अत्याचार का विरोध करते हुए ब्राह्मणों को शस्त्र के साथ शास्त्र का भी वरण कर आवश्यकता के अनुसार उनके उपयोग करने की व्यवस्था अपनाने का निर्देश दिया है। तद्नुसार यह परम आवश्यक है कि सभी ब्राह्मण अपने आपको स्वयं को साधते/सुधारते हुए किस प्रकार समाज के लिए उपयोगी बने, ऐसा अपने आप को बनाने की आवश्यकता है। अपनी कविता पाठ से सेवा निवृत्त बैंक कर्मी दिनेश चंद्र शर्मा ने कार्यक्रम में समा बाधा तो मुख्य वक्ता के रूप में डा. मांधाता राय पूर्व प्राचार्य सहजानंद महाविद्यालय ने अपना सारगर्भित उद्बोधन प्रस्तुत किए। डा. राय ने कहा कि भगवान परशुराम ने कश्यप ऋषि को दान देकर ब्राह्मण समाज को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने कहा ब्राम्हण याचना के द्वारा अपने अर्जित पूनियों का छह करता है। दान ग्रहण कर उसके पुण्य 66 होते हैं। भगवान परशुराम ने पुरुषार्थ के द्वारा समाज में व्याप्त अन्याय व अत्याचार का विरोध करने की बात कही। कार्यक्रम को सफल बनाने में शशिधर राय, ओम नारायण प्रधान, भगवती राय, रमेश राय, जवाहिर राय, अजय राय, अमित राय, जय नारायण राय, अखिलेश राय, अवधेश राय, केशव राय आदि ने सहयोग प्रदान किया। सफल संचालन मारुती कुमार राय एडवोकेट ने किया। अंत में रामनाथ ठाकुर सेवानिवृत्त अवर अभियंता ने सभी के प्रति आभार ज्ञापन किया।

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