गाजीपुर में किसानों के लिए चलने वाली सरकारी योजनाएं हुई फेल, खेतों की सिंचाई करना हुआ मुश्किल, जानें वजह
गाजीपुर में किसानों के लिए चलने वाली सरकारी योजनाएं हुई फेल, खेतों की सिंचाई करना हुआ मुश्किल, जानें वजह
यूपी सरकार किसानों की बेहतरी को लेकर कई योजनाएं चला रही है. सरकार की तरफ से दावा भी किया जा रहा है कि उनकी योजनाओं का लाभ किसानों को मिल रहा है और इससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है. लेकिन गाजीपुर के मुहम्मदाबाद इलाके में किसानों को मिलने वाली सरकारी सिंचाई की सुविधा की जमीनी हकीकत सरकारी दावों से बिल्कुल अलग है. जनपद में कुल 833 स्टेट ट्यूबेल है, जिनमें से 19 वर्तमान में किसानों के सिंचाई के कार्य के लिए चालू हालत में नहीं है.
खेतों की सिंचाई करना हुआ मुश्किल
सरकार के दावों की जमीनी हकीकत जानने के लिए मीडिया मुहम्मदाबाद क्षेत्र के कई किसानों से उनकी राय जानी, जिनमें दिलीप यादव, सुभाष राम शिवपवन यादव आदि शामिल रहें. इन सभी ने बताया कि सालों से इनके क्षेत्र का स्टेट ट्यूबेल निष्क्रिय पड़ा हुआ है. पहले जहां स्टेट ट्यूबवेल से करीब-करीब 200 से 500 रुपये के बीच एक बीघे की सिचाई का खर्च आता था वहीं अब उतने ही रकबे की सिंचाई के लिए उन्हें एक हजार से बारह सौ रुपए प्रति बीघा खर्च करने पड़ते हैं.
इन किसानों ने यह भी कहा कि सरकार जैसा दावा कर रही है, अगर हकीकत में ऐसा हो तो वाकई उनके लिए अच्छे दिन आ जाएंगे. समस्या यही तक रहे तो किसान किसी तरीके से समस्या का निदान निकाल ले. लेकिन कई जगह तो सरकारी नलकूप पर लोगों ने अनाज का गट्ठर रख कब्जा कर रखा है. तो कई जगह नालियां और नहरों की व्यवस्था नहीं है जिससे होते हुए पानी ट्यूबेल से निकालकर खेतों तक पहुंचे.
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
इन सभी मुद्दों पर मीडिया ने जिलाधिकारी एमपी सिंह से प्रशासन का रुख जानने के लिए संपर्क किया गया. इस पर एमपी सिंह ने बताया कि जनपद में जहां भी सरकारी नलकूपों के खराब होने की सूचना मिलती है, उसे प्राथमिकता पर संबंधित विभाग की ओर से ठीक किया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में जो भी खामियां उनकी जानकारी में आएंगी, उसका वह संज्ञान लेकर प्राथमिकता पर ठीक कराने का प्रयास करेंगे.