नौ दुर्गा को चढ़ाएं ये नौ फूल

साल में 2 बार नवरात्रि का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने में अब सिर्फ कुछ दिन का समय ही बाकी है. ऐसे में देवी मां को प्रसन्न करने के लिए उन्हें कौन सा फूल चढ़ाना चाहिए, इस बारे में यहां जानें.
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा धरती लोक पर ही निवास करती हैं और इस दौरान देवी मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करने से सुख-शांति और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
देवी मां को कभी न चढ़ाएं इस तरह के फूल
पूजा पाठ के दौरान फूलों का भी विशेष महत्व होता है. हर देवी-देवता को किसी खास तरह के फूल पसंद होते हैं. लिहाजा नवरात्रि में देवी मां की पूजा करते समय भी आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि मां को कौन से फूल सबसे ज्यादा पसंद हैं इसके अलावा कुछ फूल ऐसे भी हैं जिन्हें देवी मां बिल्कुल पसंद नहीं करतीं. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जो फूल अपवित्र स्थानों पर उगते हैं, जिन फूलों की पंखुड़ियों बिखरी हुई होती हैं, तेज गंध वाले फूल, सूंघे हुए फूल, जमीन पर गिरे हुए फूल- ऐसे फूल देवी मां को भूल से भी न चढ़ाएं वरना देवी मां नाराज हो सकती हैं
नौ दुर्गा को चढ़ाएं ये नौ फूल
- नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा होती है. इस दिन मां को गुड़हल का फूल या फिर सफेद कनेर का फूल दोनों ही चढ़ा सकते हैं.
- मां का द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है और इन्हें गुलदाउदी का फूल और वटवृक्ष के फूल दोनों ही पसंद हैं. माता को ये फूल चढ़ाने से जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है.
- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और इस दिन आप मां दुर्गा को कमल का फूल और शंखपुष्पी का फूल चढ़ा सकते हैं. ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है.
- मां दुर्गा का चौथा स्वरूप कुष्मांडा देवी का है जिन्हें चमेली का फूल या पीले रंग का कोई भी फूल चढ़ाने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं.
- नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है और उन्हें भी पीले रंग का फूल ही अधिक प्रिय हैं और इन फूलों को चढ़ाने से मां प्रसन्न होती हैं.
- माता का छठा स्वरूप कात्यायनी देवी का है जिन्हें गेंदे का फूल और बेर के पेड़ का फूल विशेष रूप से प्रिय है और इन फूलों को चढ़ाने से मां की कृपा प्राप्त होती है.
- नवरात्रि के सातवें दिन मां के कालरात्रि स्वरूप की पूजा होती है. माता को नीले रंग का कृष्ण कमल का फूल अधिक प्रिय है.
- आठवें दिन माता के महागौरी स्वरूप की पूजा होती है. देवी गौरी को मोगरे का फूल विशेष रूप से प्रिय है और यह फूल चढ़ाने से देवी मां प्रसन्न होती हैं.
- देवी मां का नौवां स्वरूप मां सिद्धिदात्री का है जिन्हें चंपा और गुड़हल दोनों ही फूल विशेष रूप से प्रिय हैं.