June 20, 2025

बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैःसंतोष कुमार

 

बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैःसंतोष कुमार

बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैःसंतोष कुमार

मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे बैंक कर्मी, किया प्रदर्शन

 

गाजीपुर। केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ 12 सूत्री मांगों को लेकर दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं सैकड़ों स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देश भर के करोड़ों कामगार, कर्मचारी एवं अधिकारी 28 एवं 29 मार्च को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल कर रहे है। इसी क्रम में सोमवार को यूनियन बैंक छेत्रीय कार्यालय महुआबाग के सामने हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकरियो को सम्बोधित करते हुए यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन उत्तर प्रदेश सहायक महामंत्री संतोष कुमार यादव ने सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजी करण का प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इनके निजीकरण से देश का आर्थिक और सामरिक ढांचा चरमरा जाएगा तथा अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने आम जनमानस की आशाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य किया है तथा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंकिंग सुविधाओं को मुहैया कराया है। इनके निजीकरण से बैंकिंग सेवाएं आम जनमानस के पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने प्रस्तावित बैंक राष्ट्रीय करण कानून में संशोधन प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग। संगठन मंत्री मोहम्मद तसव्वर ने निजीकरण को आम जन मानस के खिलाफ बताते हुए प्रस्तावित संशोधन को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की। कर्मचारियों ने नारा लगाते हुएसार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करो, बैंकों का निजीकरण रोका जाए, हेयरकट्स पर रोक लगाओ-खराब ऋणों की वसूली शुरु करो, बैंक जमा पर ब्याज दरों में वृद्ध करो, ग्राहकों पर मंहगे सेवा शुल्कों का बोझ मत डालो, एनपीएस खत्म करो-डीए से संबद्ध पेंशन योजना बहाल करो, ऑउटसोर्सिंग बंद करो, नई भर्ती शुरू करो और सभी ठेका कर्मचारियों और बीसी को नियमित करने की मांग की। प्रदर्शन में हरिद्वार यादव, दिनेश यादव, जितेंद्र शर्मा, राजीव शास्त्री, उदयवीर यादव, उमेश यादव, रिचा सिंह, आकांछा दुबे, शिव शंकर यादव, अमरचंद, बृजेश सिंह, पंकज चौबे, पंकज सिंह, सरजू चौधरी, शिव बचन, चंद्रमा राम, अनुराग सिंह, फैजान अंसारी, राजा राम प्रेम, दीपक, विनीत, अमित गुप्ता, शामशाद, संतोष राय, राजेंद्र राम, स्वामी नाथ, प्रभात जैस्वाल, रामकृत राम,
समेत सैकड़ों कर्मचारियों ने शामिल रहे।

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