June 20, 2025

स्वयं उद्यमी और आत्मनिर्भर बने किसान

 

स्वयं उद्यमी और आत्मनिर्भर बने किसान

गाजीपुर। किसान अब लगातार जागरुक हो रहे है और खेती के नए नए आयामों के प्रति उनका रुझान हो रहा है। किसान स्वयं उद्यमी बने तथा आत्मनिर्भर बने। जिले के भदौरा क्षेत्र के अमौरा गांव में शनिवार को उत्तर प्रदेश के औषधीय पौधों के हितकारकों का सम्मेलन तथा कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम किसानों के लिए कई मामलों में संजीवनी साबित हुआ। इसमें औषधीय जड़ी बूटी समेत खेती किसानी के कई समस्याओं पर जहां चर्चा की गई वहीं उनके निदान फसलों के उगाने की विधि, रख रखाव, उनकी मार्केटिंग और किसानों की आय को बढ़ाने पर बल दिया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं स्थानीय संयोजक तथा प्रगतिशील औषधीय किसान रंगबहादुर सिंह ने लीक से हटकर खेती कर रहे किसानों की काफी सराहना की। कहा कि किसानों को सम्मान चाहिए। धन के पीछे दौड़ना कतई मानवता नहीं है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के महत्वपूर्ण कथन कि जड़ी बूटी भारत के पास एक अमूल्य संपदा है जो आने वाले समय में देश को काफी आगे बढ़ाएगा, की चर्चा करते हुए किसानों से रसायनिक खाद का प्रयोग नहीं करने पर जोर दिया। सिर्फ जैविक खाद के प्रयोग से ही पौधों की गुणवत्ता बनी रहेगी।

उन्होंने साफ-साफ कहा कि हम सभी किसान उद्यमी हैं और हम अपने उत्पादों को सस्ता और शुद्ध देंगे। उन्होंने एक कविता सुना कर जड़ी बूटियों का महत्व बताया। राज्य औषधीय पादप बोर्ड के डॉक्टर पंकज त्रिपाठी ने कहा कि इस कार्यक्रम में आए बड़ी संख्या में किसानों को आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की खेती, उनके उत्पादन, मार्केटिंग और सब कुछ जानने को मिला है। कहा कि पादप बोर्ड गठन के बाद से अभी पूरी तरह से क्रियाशील नहीं हो पा रहा था अच्छा काम कर रहा है। जड़ी बूटी की खेती में और क्षेत्र की समस्याओं से किसान हतोत्साहित हुए हैं। आज की खेती कृषि यंत्रों, नए फर्टिलाइजरों, रासायनिक खादों पर निर्भर हो गई है जिससे इसकी गुणवत्ता में काफी कमी आ रही है। खराब चीजों को भी आय के रूप में प्रयोग करने के लिए किसानों को जागरूक होना होगा।

एनएमपीबी की डा.कविता त्यागी ने किसानों को खेती के कई मंत्र दिए। उन्होंने किसानों को थोड़ी- थोड़ी और जरूरत के अनुसार खेती करने की सलाह दी। कहा कि खेत में एक ही बार में 2-2,3-3 फसलें लगाए जाने चाहिए जिससे किसानों को अच्छी आमदनी हो सके। अगर किसान अपनी उपज की खपत और जरूरत को समझ ले तो उसकी मार्केटिंग की समस्या दूर हो सकती है। इसी क्रम में उद्यान विभाग के उपनिदेशक मुन्ना यादव ने भी सरकारी योजनाओं की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने रसायनिक खादों के प्रयोग को पूरी तरह से बंद करने पर जोर देते हुए कहा कि यह शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। रमना गांव में बींस की खेती का उदाहरण भी दिया। बताया कि सरकार भी किसानों की मदद के लिए हर तरह से आगे आ रही है। नमामि गंगे स्कीम मे बहुअर्थी फसलों पर तीन हजार रुपए प्रतिमाह तीन साल तक दिया जा रहा है।

इसी प्रकार गंगा किनारे के गांवों पर नर्सरी लगाने के लिए सरकार 7.5 लाख तक का अनुदान दे रही है। राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के मार्केटिंग मैनेजर सौरभ शर्मा ने कहा कि जड़ी- बूटी से जुड़ी चीजों को बढ़ावा मिले इसके लिए हम योजनाएं बना कर लागू कर रहे हैं। भारत में जड़ी बूटी का डिमांड लगातार बढ़ता जा रहा है 5 लाख 12 हजार मिट्रिक टन का भारत में डिमांड है। 224 प्रकार की जड़ी बूटियों से औषधियां हर साल बनाई जा रही हैं। जड़ी बूटियों का सबसे अधिक 75 फ़ीसदी स्रोत जंगल है जबकि 25 फ़ीसदी ही हम खेतों उगाते हैं। उन्होंने सभी किसानों से अपने व्हाट्सएप में ई-चरक नाम के ऐप को लोड करने पर बल दिया। इस ऐप पर रेट, मार्केटिंग के साथ ही औषधियों की जानकारी को अपडेट करते हैं। मार्केटिंग की जानकारी देते हुए उन्होंने कई सावधानियों के बारे में बताया।

जिला उद्यान अधिकारी डा. शैलेंद्र दूबे ने किसान बंधुओं का स्वागत करते हुए कहा कि एक संतुष्ट उपभोक्ता सबसे अच्छा प्रचारक होता है। सरकार की तरफ से औषधी, बीज, मार्केटिंग जैसी चीजों की समस्या नहीं होने दी जाएगी। जो सरकारी अनुदान है वह सब पात्र किसानों को मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए चंद्रशेखर मिश्र ने कहा कि खेती की बात खेतों में ही अधिक समझ में आती है। इस कार्यक्रम के आयोजन पर उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहां कि केंद्र और राज्य सरकार के बड़े-बड़े अधिकारी आज इस गांव में आकर इस बात को साबित कर रहे हैं कि हमारा देश खेती और किसानी पर ध्यान दे रहा है। हर किसान स्वयं एक उद्यमी बने और आत्मनिर्भर बने यही हमारे इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है। किसानों के हाथों में हर्षा हंसी और कुदाल दिखना चाहिए और गांव को नया बनाना है। इस मौके पर सूर्य कुमार सिंह, राजेश शर्मा, यूबीआई के पूर्व राम नगीना सिंह, जनार्दन, प्रभु नाथ, मनोज जी, प्रदीप कुमार समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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