मोहन भागवत से सम्मान पाकर भाव विभोर हुए शहीदों के परिजन
मोहन भागवत से सम्मान पाकर भाव विभोर हुए शहीदों के परिजन
अखिल भारतीय शहीद सेवा सम्मान समिति ने स्मृति चिन्ह भेंट कर जताया आभार
पति के शहादत के बाद तमाम झंझावात झेलते हुए जीवन यापन के दौरान कभी-कभी ऐसे पल आते हैं जिससे जीवन मे बढ़ता है हौसला- इन्द्रावती देवी
गाजीपुर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा बुधवार को जनपद के सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के बलिदान दिवस अवसर पर उन तीनों शहीदों को नमन किया गया। इसके साथ ही जनपद के शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान श्री भागवत द्वारा परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद, महावीर चक्र विजेता शहीद रामउग्रह पाण्डेय के साथ ही कुल 5 शहीदों के परिजन से मिलकर उन्हें अंगवस्त्रम व रुद्राक्ष माला भेंट करते हुए शहादत को नमन किया गया।
श्री भागवत द्वारा सम्मान पाकर शहीदों के परिजन भाव विभोर हो उठे। सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज के निर्देशन में शहीदों के सम्मान में हुए इस कार्यक्रम को लेकर अखिल भारतीय शहीद सेवा सम्मान समिति ने श्री यति जी महाराज और सरसंघचालक के प्रति आभार प्रकट किया।
गौरतलब हो कि सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर सरसंघचालक मोहन भागवत की यात्रा के दौरान शहीदों को सम्मान के क्रम में 1965 भारत-पाक युद्ध मे शहीद सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के पुत्र जैनुल वसर ने कहा कि सिद्धपीठ हथियाराम मठ में धार्मिक मंच पर देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्तित्व द्वारा यह सम्मान उनके लिए गर्व का विषय है।
वहीं 1971 भारत-पाक युद्ध मे वीरगति को प्राप्त सेना के दूसरे सर्वोच्च सम्मान महावीर चक्र विजेता शहीद रामउग्रह पांडेय की नेत्रहीन पुत्री सुनीता पांडेय ने भाव विभोर होते हुए कहा कि श्री यति जी महाराज द्वारा प्रायः शहादत का सम्मान किया जाता है। वही आज श्री भागवत जी द्वारा यह सम्मान पाकर धन्य हुए हैं।
1971 में ही भारत-पाक युद्ध के दौरान शहीद रामचंद्र मिश्र की धर्मपत्नी इंद्रावती देवी ने नम आंखों से कहा कि पति के शहादत के बाद तमाम झंझावात झेलते हुए जीवन यापन के दौरान कभी-कभी ऐसे पल आते हैं जिससे जीवन मे हौसला बढ़ता है।
शहीद पारसनाथ सिंह के पुत्र सचिन्द्र सिंह ने कहा कि सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर भागवत जी द्वारा यह सम्मान उनके जीवन में एक विशेष महत्व रखता है। राष्ट्र धर्म का पालन करने वाले विभूतियों द्वारा यह सम्मान पाकर वह अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं।
1942 में आजादी की लड़ाई में जनपद के मोहम्मदाबाद तहसील पर एक साथ शेरपुर गाँव 8 शहीद हुए लोगों में से शहीद रिखेश्वर राय के पुत्र राम नारायण राय शेरपुर ने कहाकि आजादी के जंग में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के प्रति सिद्धपीठ का यह भाव उनके जीवन में सदैव याद रहेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा सम्मान पाकर भाव विभोर हो उठे राम नारायण राय ने दोनों विभूतियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया।
शहीदों के परिजनों को सरसंघचालक द्वारा अंगवस्त्रम और रुद्राक्ष की माला भेंट की कर शहीदों को नमन किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय शहीद सेवा सम्मान समिति संयोजक श्रीराम जायसवाल द्वारा सरसंघचालक मोहन भागवत को समिति की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर आभार प्रकट किया गया। श्री जायसवाल ने कहाकि एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान जनपद के शहीदों को विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यक्तित्व द्वारा सम्मान किया जाना शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है। सिद्धपीठ श्री यति जी महाराज के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से शहीदों को जो सम्मान प्राप्त हुआ उसके लिए उनकी समिति द्वारा आभार प्रकट किया जाता है।