गौरैया जो एक समय तक गांवों- शहरों के हर घर में फुदकती नजर आती थी।
गौरैया जो एक समय तक गांवों- शहरों के हर घर में फुदकती नजर आती थी। गर्मियों में पानी के आसपास चहल कदमी करती वो गौरैया अब कहीं- कहीं ही नजर आती है। पेड़ों के काटे जाने और घरों के आसपास का माहौल बदलने के कारण उनकी संख्या लगातार घटती जा रही है। अगर लोगों ने गौरैया को बचाने के लिए पहल नहीं की तो वह दिन दूर नहीं जब गौरैया सिर्फ किताबों- कहानियों में ही याद बनकर रह जाएगी।
आप सभी को विश्व गौरैया दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं