June 21, 2025

बच्चे को प्रथम संस्कार मां के गर्भ में ही मिल जाता है-फलाहारी बाबा

 

बच्चे को प्रथम संस्कार मां के गर्भ में ही मिल जाता है-फलाहारी बाबा

गाजीपुर जनपद के भाँवरकोल ब्लाक क्षेत्र के पलियां गांव स्थित गंगा तट हनुमान मंदिर पर आयोजित होने वाले श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ के लिए अयोध्या से पधारे महामंडलेश्वर शिवराम दास उर्फ फलाहारी बाबा ने कहा कि संस्कारिक पुत्र जन्म देने में मां की अहम भूमिका होती है ।प्रथम संस्कार मां के गर्भ में ही बच्चों के अंदर पड़ जाता है जो अमिट होता है ।चक्रव्यूह तोड़ने की कला अभिमन्यु अपनी मां सुभद्रा के गर्भ में ही सीख गया था सातवें दरवाजा तोड़ने की कथा जब अर्जुन सुना रहे थे अभिमन्यु की मां सुभद्रा को आलस के चलते नींद आ गई जिससे गर्भस्थ बच्चा भी सो गया। मां की थोड़ी सी लापरवाही के कारण महाभारत के रंणागंण में वीर अभिमन्यु मारा गया। मां दिति के थोड़ी सी गलती समय का ज्ञान ना होने के कारण हिरण्याक्ष और हिरण्य कश्यप जैसे राक्षस को जन्म देना पड़ा। गर्भावस्था में माताओं को महापुरुषों की गाथा एवं भगवान की कथा का श्रवण करना चाहिए ।

माता के अचार विचार व्यवहार का पूरा पूरा प्रभाव गर्भस्थ बच्चे पर पड़ता है। दीवाल खंड के दीवाल चित्र का भी प्रभाव गर्भस्थ बच्चे पर पड़ता है। मां के ऊपर निर्भर करता है कि वह राम को जन्म देना चाहती है कि रावण को जन्म देना चाहती है। सीता को जन्म देना चाहती है कि सुर्पणखां को जन्म देना चाहती है।फलाहारी बाबा ने कहा की जीवन में संयम नियम और मर्यादा का पालन होगा तो राम कृष्ण सीता राधा सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद मीरा तुलसी कबीर जैसे पुत्र जन्म लेंगे। छत्रपति शिवाजी को पालने में ही जीजाबाई ने हिंदुत्व का संस्कार डाला था यदि छत्रपति शिवाजी नहीं होते तो आज हिंदुओं के माथे पर तिलक और कांधे पर जनेऊ नहीं होता ।बचपन कोरा कागज होता है बाल्यावस्था में ही भविष्य का निर्माण होता है।

इस मौके पर, ब्रम्हानंन्द पांडेय, जयशंकर राय, बरमेशवर राय , सुरेंद्र नाथ राय ,किसान, बलिराम, अखिलेश उपाध्याय , आनंद कुमार, सतीश कमलेश उपाध्याय समेत ढेर सारे श्रद्धालु मौजूद थे।

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