प्रकृति की अनमोल देन है तुलसी

जी हॉ ,बात हम कर रहे है तुलसी के पौधा की । जो कुछ बर्षो पहले ऑगन मे लगा रहता था।अब तो तुलसी के पौधा की आस्था तो नही दिखाई दे रही।एक जमाना था जब अधिकतर घर के ऑगनो मे तुलसी का पौधा खूब देखने को मिलता था। इनके गायब होने का कारण हाईटेक होती आदमी की सोच माने या उसकी बस्तियॉ बसाने का तरीका बदल देने को मानते है। जहॉ ऑगन मे तुलसी के स्थान पर कटीले पौधे गमलो मे लगाने का प्रचलन आ गया है। कभी घर मे ऑगन मे लगे तुलसी के पौधे पर महिलाये जल चढाने के बाद रसोई मे कदम रखती थी । भागदौड और आधुनिक की चकाचौध मे लगे लोग इन पौधो के महत्व को बिसराते चले जा रहे है। तभी तो इन पौधो के साथ ही फलदार वृक्षों की भी कटाई चरम पर हो रही है। तुलसी का पौधा आयुर्वेद मे अनेक औषधीय गुणों से इन्हें युक्त बताया गया है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने इन्हे घर -ऑगन व चौपालो मे लगाना जरूरी बताया है। जहॉ वैज्ञानिकी के अनुसार जिस घर के ऑगन मे तुलसी का पौधा होगा उसमे आकाशीय बिजली नही गिर सकती । कहावत भी है कि जहॉ तुलसी वहॉ देवी लक्ष्मी का वास होता है। वहॉ कोई भी व्याधा नही भटकती है। नित्य प्रति तुलसी का सेवन करने से मौसमी रोगो से बचाव होता है। वुद्विजीवियो व पर्यावरणविदों के अनुसार इनके गायब होने से मनुष्य के जीवन व पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पडने की आंशका से इंकार नही किया जा सकता है।

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