जंगीपुर सीट पर अब तक एक परिवार का रहा कब्जा अजेय साबित हुए वीरेंद्र यादव

ग़ाज़ीपुर। आजादी के बाद गाजीपुर जिले मे पहली बार नये परिसीमन के बाद अस्तित्व मे आई विधानसभा सीट जंगीपुर से आज तक सपा के अलावा दूसरा कोई दल अपना खाता नही खोल सका। इतना ही नही इस सीट पर एक ही परिवार का कब्जा बरकरार है। पूर्वांचल की सबसे बडी अनाज मंडी के नाम से मशहूर जंगीपुर की इस सीट पर पहली बार हुए 2012 के चुनाव में कैलाश यादव जीते थे। पूर्व पंचायती राज्यमंत्री रहे कैलाश यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी किस्मतिया देवी यहां से विधायक बनी। 2017 के चुनाव में उनके पुत्र डॉ वीरेंद्र यादव ने पिता की विरासत को संभालते हुए भाजपा की लहर में भी जंगीपुर सीट पर सपा का कब्जा बरकरार रखा, और पहली बार विधायक बने। उस चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंदी रहे भाजपा के रामनरेश कुशवाहा 2022 के चुनाव में भी वीरेंद्र यादव से परास्त हुए। परिसीमन से पहले जंगीपुर का अधिकांश हिस्सा सदर विधानसभा और जखनियां मे शामिल था। परिसीमन के बाद 2012 में जंगीपुर नई विधानसभा बन गई। ऐसे मे इस नई सीट पर अपना झंडा गाड़कर विरोधियों को पटखनी देने के लिये राजनैतिक दलों के सूरमा कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी ख्वाहिश पर सपा ने लगातार पानी फेरा। 2022 के चुनाव में सपा के डॉ0वीरेंद्र यादव ने 35063 वोटों से जीत हासिल की। इस चुनाव में भी भाजपा दूसरे स्थान पर रही।