महिलाओ के हुनर को तराशकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना ही महिला दिवस की सार्थकता है
महिलाओ के हुनर को तराशकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना ही महिला दिवस की सार्थकता है
*महिलाओ के आत्मनिर्भरता के लिये खुला सखी लैब*
वाराणसी 9 मार्च – भारत सरकार के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सहयोग से एवं महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास और उपयोग कार्यक्रम के अंतर्गत साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी एवं सखी सहेली फाउंडेशन के तत्वाधान में विकास खण्ड काशी विद्यापीठ के रमना गांव में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आई0सी0टी0 आधारित सखी लैब का शुभारंभ किया गया। उक्त अवसर पर संस्थान के निदेशक अजय सिंह ने कहा कि महिलाओ के हुनर को तकनीक के माध्यम से नई एक पहचान देने एवं उन्हें निखारने के उद्देश्य से ही सखी लैब का शुभारंभ किया गया है ताकि महिलाये तकनीक के सहयोग से सीखकर करके न सिर्फ आत्मनिर्भर बने बल्कि वे समाज मे प्रेरणा दायक भी बने।
कार्यक्रम में ग्राम प्रधान अमित पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओ के हुनर से हम उन्हें रोजगार से जोड़ सके, यही हम सबका प्रयास है। हम अपने स्तर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरा सहयोग करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रार्थमिक विद्यालय की प्रधानाचार्या अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओ के लिए साई इंस्टिट्यूट व सखी सहेली फाउंडेशन एक सराहनीय मंच प्रदान करेगा। ऐसा हम सबको भरोसा है | आगे उन्होंने महिलाओं के प्रयासों की सराहना की, उन्होंने कहा कि अगर महिलाये अपने प्रयासों में निरंतरता बनाये रखें तो वह अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकती हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सखी सहेली फाउंडेशन की सचिव मीनाक्षी सिंह ने कहा कि महिलाओं को तकनीक के माध्यम से पारंपरिक आर्ट एवं क्राफ्ट को संवर्धित, संरक्षित एवं रोजगारोन्मुख बनाने का प्रयास है ताकि उनके हुनर को पहचान कर उन्हें रोजगार के काबिल बनाया जा सके |
इस अवसर पर डॉ0 सोनम राय, प्रतिमा गुप्ता, रामयन्ती देवी, उषा देवी, अनिशा,पूर्णिमा सहित स्वयं सेवा समूह की महिलाये उपस्थित थी।