तनोट मंदिर: यहां टूटा था पाकिस्तान का गुरूर, दुश्मन के बम भी हो गए देवी के सामने नतमस्तक
तनोट मंदिर: यहां टूटा था पाकिस्तान का गुरूर, दुश्मन के बम भी हो गए देवी के सामने नतमस्तक
राजस्थान में एक ऐसा मंदिर भी है जो 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का गवाह है।
यह मंदिर भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित जैसलमेर जिले में है। यहां मां दुर्गा तनोट माता के नाम से पूजी जाती हैं। यह मंदिर सेना की शान माना जाता है। इसमें आम श्रद्धालुओं के अलावा सैनिकों की भी काफी तादाद होती है। हमारे वीर सैनिक जिस बहादुरी के साथ वतन की हिफाजत करते हैं उतनी ही आस्था मां दुर्गा के एक मंदिर के प्रति भी रखते हैं। उनके लिए यह भगवती है और भारत माता भी।
यहां बम भी हो गए थे नतमस्तक
वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पर बम दागे। ये मंदिर के पास गिरे लेकिन एक भी बम नहीं फटा। ये बम आज भी मंदिर परिसर में मौजूद हैं। माता के इस चमत्कार पर भारतीय सेना के हौसले बुलंद हुए और युद्ध फतह किया।
मां के इस चमत्कार पर पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाहनवाज खान ने भारत सरकार से यहां दर्शन करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
करीब ढाई साल की जद्दोजहद के बाद भारत सरकार से अनुमति मिलने पर ब्रिगेडियर खान ने न केवल माता की प्रतिमा के दर्शन किए बल्कि मंदिर में चांदी का एक सुंदर छत्र चढ़ाया। ब्रिगेडियर खान का चढ़ाया हुआ छत्र आज भी इस घटना का साक्षी है।
ममता की छांव बनी अभेद्य ढाल
कहा जाता है कि मां तनोट ने अनेक बार यहां तैनात सैनिकों की मदद की। युद्ध की यादें 1965 की ही नहीं 1971 की जंग से भी जुड़ी हैं और आज तक सैनिकों का माता में उसी तरह अटूट विश्वास है जैसा इन दोनों युद्धों के समय था। 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान ने इस इलाके में करीब तीन हजार तोप के गोले दागे थे।
पाकिस्तान का मकसद इस इलाके को फतह करने के साथ ही मंदिर को भी नष्ट करना था, लेकिन युद्ध में उसकी शिकस्त हुई। उसके तीन हजार तोप के गोलों में से एक भी मां के मंदिर को नुकसान नहीं पहुंचा सका। दुश्मन ने अलग-अलग दिशाओं से मंदिर को निशाना बनाया ताकि किसी भी वार से यह बच न पाए।
इधर तनोट की हिफाजत में भारत की सेना मुस्तैद थी। रेगिस्तान की रणभूमि में अग्नि चमक रही थी। पाकिस्तान के कई बम तो मंदिर के परिसर में भी गिरे लेकिन वे फटे तक नहीं।
उधर पाकिस्तान की सेना हर हाल में जंग फतह करना चाहती थी लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके। इधर भारत के सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को खासा नुकसान पहुंचाया। कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और बाकी भाग गए। यहां तक कि वे अपना टैंक भी छोड़ गए जो आज भी भारत के कब्जे में है और यहां के लोंगेवाला गांव में रखा हुआ है।
लोग इसे देखकर भारतीय सैनिकों की देशभक्ति को नमन करते हैं। तनोट माता जीवन-रक्षक मानी जाती है। इनके मंदिर में जरूरी व्यवस्थाएं बीएसएफ की ओर से की जाती हैं।