श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचाने के लिए जलमार्ग का रूट हुआ निर्धारित
वाराणसी। महाशिवरात्रि पर उमड़ने वाली भीड़ को काशी विश्वनाथ धाम पहुंचाने के लिए जलमार्ग का रूट निर्धारित कर दिया गया है। भैंसासुर और अस्सी घाट से करीब आठ सौ नावों को ललिता घाट से जोड़ दिया गया है। 28 फरवरी से ही इन घाटों से नावों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही शहर में आने वाले वीआईपी को जलमार्ग से ही काशी विश्वनाथ धाम पहुंचाने की तैयारी है। नावों पर क्षमता निर्धारण के साथ ही पर्यटकों की सहूलियत के लिए इन्हें क्यूआर कोड से भी लैस कर दिया गया है। इसके साथ ही निर्धारित घाटों से चार क्रूज भी प्रत्येक घंटे में भक्तों को ललिता घाट तक पहुंचाएगी। काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के शुभारंभ के साथ ही अब अर्द्धचंद्राकार के घाटों को जलमार्ग से जोड़ने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। सड़कों पर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने और नव्य, भव्य और दिव्य धाम से भक्तों को रुबरू कराने के लिए महाशिवरात्रि पर उन्हें मंदिर चौक से धाम में प्रवेश कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। शिवरात्रि पर गंगा द्वार से काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने वाले दर्शनार्थियों के लिए दो रूट निर्धारित किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक भैंसासुर घाट से ललिता घाट तक और अस्सी घाट से ललिता घाट तक नावों का संचालन होगा। बुधवार को नावों की जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने नाविकों को नावों में भार क्षमता के अनुसार ही पर्यटकों को बैठाने के निर्देश दिए।