सियासत में अंसारी परिवार की अगली पीढ़ी: मुख्तार और सिबगतुल्लाह के बेटे लड़ रहे हैं विधानसभा चुनाव;

विधान परिषद चुनाव में दम दिखाने की तैयारी में बाहुबली
पूर्वांचल की सियासत में एक अलग जगह रखने वाले गाजीपुर के अंसारी बंधुओं की अगली पीढ़ी इस विधानसभा चुनाव में एंट्री ले ली है। नई पीढ़ी के लिए अंसारी बंधुओं के दबदबे वाले विधानसभा क्षेत्रों को चुना गया है। लिहाजा, यह बात देखने लायक होगी कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास और उनके भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे सुहैब उर्फ मन्नू परिवार की राजनीतिक विरासत को कितनी धार दे पाते हैं।
इसी के साथ बाहुबली मुख्तार अंसारी गाजीपुर से विधान परिषद चुनाव (स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन) की तैयारी में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि अपने सियासी सफर में वह पहली बार गाजीपुर की सियासत में जबरदस्त तरीके से एंट्री करने की तैयारी में हैं।
पांच बार से विधायक हैं मुख्तार अंसारी
गाजीपुर जिले के युसुफपुर निवासी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के पोते बाहुबली मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा से 1996 से अब तक लगातार पांच बार विधायक चुने गए। मुख्तार के बड़े बेटे और शूटिंग में नेशनल चैंपियन रहे अब्बास अंसारी ने वैसे तो 2017 में ही मऊ जिले की घोसी विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे।
अब इस बार के चुनाव में अब्बास अपने पिता की परंपरागत विधानसभा सीट मऊ सदर से सपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी हैं। अब्बास के शपथ पत्र के अनुसार उनके ऊपर पांच मुकदमे दर्ज हैं।
2 बार विधायक रहे सिबगतुल्लाह अंसारी
पेशे से शिक्षक रहे सिबगतुल्लाह अंसारी बाहुबली मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा से 2007 और 2012 में विधायक चुने गए। 2017 में वह विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए थे। हाल ही में उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था।
इस बार उन्होंने एक बार फिर सपा से मोहम्मदाबाद विधानसभा से दावेदारी की थी। लेकिन, आखिरी समय में सपा ने सिवगतुल्लाह अंसारी के बेटे सुहैब उर्फ मन्नू अंसारी को समाजवादी पार्टी से मुहम्मदाबाद का प्रत्याशी घोषित करा दिया।
जानिए क्यों आई अगली पीढ़ी सियासत में
मुख्तार अपने बेटे को अपनी पारंपरिक सीट से लड़ा कर राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। वह खुद इस बार गाजीपुर से विधान परिषद का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
मुख्तार अंसारी की आपराधिक छवि को लेकर सपा पर भाजपा लगातार हमलावर थी। ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्वांचल में कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे।
सिबकतुल्लाह 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। वह अपने बेटे मन्नू की बेहतर सियासी एंट्री के लिए एक अच्छे अवसर का इंतजार कर रहे थे। सिबगतुल्लाह के बेटे मन्नू की युवाओं के बीच अच्छी पकड़ है।
पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी को पूरा विश्वास है कि इस बार मतदाताओं की नाराजगी का फायदा उनके बेटे को मिलेगा। सपा और सुभासपा गठबंधन के अलावा वह अपने बलबूते भी बेटे को एक अच्छा मुकाम दिलाने में सफल रहेंगे।