June 20, 2025

*गाजीपुर के करईल के किसानों ने चुना आर्गेनिक खेती का विकल्प*

कोई भी फल हो या सब्जी या अन्य अनाज जो शरीर के के विकास के लिए आवश्यक है।इनमे फल और सब्जी का सेवन तो हमारे शरीर के लिए और अधिक आवश्यक है क्योंकि इनमें मिनिरल से लेकर सभी तरह के विटामिन्स मौजूद है।परंतु अधिक उत्पादन की चाह में किसानों द्वारा बेतहाशा रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से अब फल और सब्जियां सेहत के लिए लाभ के बजाय हानि पहुंचा रही है।ऑर्गेनिक कृषि कर अधिक उत्पादन नही किया जा सकता और मार्केट ऑर्गेनिक उत्पादों का मूल्य भी आम उत्पादों के बराबर ही है ऐसे में अब किसानों में रेजीड्यूफ्री अर्थात अवशेष रहित कृषि का प्रचलन धीरे धीरे बढ़ रहा है।करइल के किसान दिवाकर राय जितेंद्र राय अप्पू राय और मनीष राय आदि किसान केले की खेती रेजीड्यूफ्री कर रहे है।ऐसी तकनीकी में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग उतना ही किया जाता है जितना कि पौधे के लिए आवश्यक हो और शेष की पूर्ति गोबर से की जाती है।बकौल दिवाकर राय रासायनिक उर्वरकों में सबसे अधिक मात्रा में डी ए पी का प्रयोग किया जाता है।मिर्च में तो किसान 20 बोरी बीघा तक देता है जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है।ऐसे में हम बिना सड़ा हुआ 25 दिन का गोबर ले और जितना गोबर लिए है उसका आधा रासायनिक खाद लेकर 25 प्रतिशत नमी के साथ मिला देंगे और छाया में ढक देंगे फिर चौथे दिन उसे उलट पलट कर ढक देंगे।आठवे दिन खाद तैयार हो जाएगी।इस प्रक्रिया से केवल डी ए पी और पोटाश तैयार होती है।नाइट्रोजन उसमे मिला देंगे तो यह खाद रासायनिक और ऑर्गेनिक दोनों के बीच की कड़ी होगी जिसके प्रयोग से उत्पादन प्रभावित नही होगा और इसके उत्पाद सेहत के लिए नुकसान दायक भी नही होंगे।पेस्टिसाइट्स के प्रयोग में उन्होंने बताया कि ग्रीन लेवल के पेस्टिसाइट्स या 1000 पी पी एम का नीम आयल का प्रयोग करेंगे तो अधिकांश कीड़े मर जाते है।अवशेष रहित कृषि से दो फायदे है पहला फायदा यह है कि यह सेहत के लिए नुकसानदायक नही रहेगा और दूसरा फायदा यह है कि विदेशों में केले के निर्यात के लिए सरकार काफी जोर दे रही है।हमारे उत्पाद खाड़ी देशों में तो चले जाते है लेकिन लंदन जैसे जगह पर अगर अपने उत्पाद बेचने हो तो वहां मारल लेवल सघनता से चेक किया जाता है ऐसे में अधिक रासायनिक उर्वरक और पेस्टीसाइड्स का प्रयोग हमारे उत्पाद को रिजेक्ट कर सकता है लेकिन रेजीड्यू फ्री खेती कर अपने उत्पादों को विदेशो तक पहुंचा सकते है।

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