June 19, 2025

बलिया की साहित्यिक परम्परा समृद्धशाली, अपने लक्ष्य को साधेगी संकल्प सृजन

IMG-20220122-WA0010

बलिया की साहित्यिक परम्परा समृद्धशाली, अपने लक्ष्य को साधेगी संकल्प सृजन

बलिया। ‘संकल्प सृजन पत्रिका’ का लोकार्पण करते हुए बतौर मुख्य अतिथि छपरा विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रवक्ता प्रो. पृथ्वीनाथ सिंह ने कहा कि बलिया की एक समृद्धशाली साहित्यिक परम्परा रही है। उस परम्परा को आगे बढ़ाने में संकल्प सृजन एक मील का पत्थर साबित होगी। ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है। आज के दौर में जबकि लोग साहित्य, कला और संस्कृति से कटते जा रहे हैं। तकनीकी उनके ऊपर हावी होती जा रही है। पत्रिका प्रकाशित करना और उसे लोगों तक पहुंचाना एक दुरूह कार्य है। बावजूद इसके संकल्प सृजन अपने लक्ष्य को साधेगी, यह उम्मीद भी है और पूर्ण विश्वास भी।

मुख्य वक्ता डॉ. जैनेंद्र पाण्डेय ने कहा कि समाज के निर्माण में लघु पत्रिकाओं की अहम भूमिका होती है। वर्तमान समय में अनहक गढ़े जा रहे सत्य और मानवता के मिथक को लघु पत्रिकाएं ही तोड़ेंगी। डॉ शुभनीत कौशिक ने कहा कि आजादी के लड़ाई में भी बलिया से कई पत्रिकाएं निकलती रहीं हैं, जबकि यह बीच में यह कड़ी टूट गयी थी। पुनः संकल्प सृजन का प्रकाशन अंधेरे में रोशनी की तरह है। पत्रिका के सम्पादक संस्कृतिकर्मी आशीष त्रिवेदी ने कहा कि युवा पीढ़ी को साहित्य, कला, संस्कृति से जोड़ने और उनके अंदर मानवीय संवेदना विकसित करने के उद्देश्य से यह पत्रिका प्रकाशित की जा रही है। उन्होंने कहा कि बलिया की साहित्यिक परम्परा को हम थोड़ा भी आगे बढ़ा सकें तो यह हमारी सफलता होगी। विषय प्रवर्तन करते हुए साहित्यकार रामजी तिवारी ने पत्रिका की सृजनात्मक एवं संरचनात्मक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरुआत में संकल्प के रंगकर्मी सोनी, ट्विंकल गुप्ता, आनन्द चौहान, अनुपम पाण्डेय, मुकेश, शुभम ने रँगकविता एवं जनगीतों की प्रस्तुति की। इस दौरान अशोक पत्रकार, अचिन्त्य त्रिपाठी, डॉ मनजीत सिंह, नम्रता द्विवेदी, डॉ इफ़्तेख़ार खाँ, रणजीत सिंह, डॉ राजेन्द्र भारती, शिवजी रसराज, संजय मौर्य, डॉ कादम्बिनी सिंह, उपेंद्र सिंह इत्यादि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन ने एवं आभार व्यक्त अजय कुमार पाण्डेय ने किया।

About Post Author