June 19, 2025

योगी आदित्यनाथ को उन्हीं के गढ़ में घेरने की तैयारी कर रहा है बाहुबली हरिशंकर तिवारी का कुनबा, अबकी संग्राम नहीं, होगा महासंग्राम

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योगी आदित्यनाथ को उन्हीं के गढ़ में घेरने की तैयारी कर रहा है बाहुबली हरिशंकर तिवारी का कुनबा, अबकी संग्राम नहीं, होगा महासंग्राम

गोरखपुर। अब जबकि यह साफ हो चुका है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या या मथुरा जैसे बड़े धार्मिक जगहों से चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि वह खुद गोरखपुर जनपद से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे। अयोध्या व मथुरा का नाम इसलिए खास है कि भगवान राम के कारण अयोध्या की पहचान पूरे विश्व पटल पर है। वहीं मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली होने के कारण धार्मिक के साथ ही देश भर में एक सियासी पहचान भी रखता है लेकिन भाजपा नेतृत्व की ओर से फैसला किया गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से ही चुनाव लड़ाया जायेगा। गोरखपुर को योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। यही से उन्होंने अपने सियासी सफरनामे की शुरुआत की। ऐसे में माना जा रहा है कि यह काफी सेफ सीट है। यहां पर चार बार के विधायक रहे डा. राधा मोहन दास अग्रवाल का टिकट काटकर भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बतौर उम्मीदवार मैदान में उतारा गया है। हालांकि गोरखपुर शहर को सेफ सीट माना जा रहा है लेकिन इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होगा क्योंकि इस बार बाहुबली हरिशंकर तिवारी का कुनबा भी इस बार पूरी तरह से सपा में आ चुका है। चूंकि हाता से पुरानी अदावत है और इस बार तो हाता पर छापा भी पड़ गया। ऐसे में बाहुबली हरिशंकर तिवारी का कुनबा चुनाव में भाजपा की घेराबंदी को लेकर तैयार बैठा है। इस सीट पर केवल बाहुबली हरिशंकर तिवारी ही नहीं बल्कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सीधी नजर है। यही कारण है कि उनकी ओर से भाजपा विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल को ​सपा का टिकट का आफर दिया गया है। यानि योगी आदित्यनाथ को उन्हीं के गढ़ में घेरने की पूरी तैयारी इस बार की जा रही है, ऐसे में इस बार का मुकाबला काफी रोचक होने वाला है। यहां संग्राम नहीं सियासत का महासंग्राम होगा। पर्दे के पीछे से रणनीति बनाने में माहिर हाता भी सियासी बिसात पर अपनी चाल चलेगा। कोशिश होगी कि इस चुनाव के जरिये हाता पर छापेमारी का हिसाब—​किताब चुकता किया जाए। यदि राधा मोहन दास अग्रवाल की बात की जाए तो पूर्व में उनका एक वीडियो काफी सुर्खियों में रहा, जिसमें उन्होंने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया था। इसके अलावा वह गोरखपुर की विभिन्न समस्याओं को लेकर पार्टी लाइन से इतर जाते हुए मुखर दिख चुके हैं। फिलहाल हर किसी की निगाह उन्हीं के उपर है। यदि वह सपा के पाले में आ जाते हैं तो यहां का चुनाव काफी रोचक मोड़ पर खड़ा हो जायेगा क्योंकि वह एक प्रतिष्ठित चिकित्सक होने के साथ ही काफी लोकप्रिय विधायक हैं। सपा भी इस बात को अच्छी तरह से जानती है। ऐसे में आगे क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी लेकिन गोरखपुर के चुनाव पर पूरे देश की निगाह टिकी रहेगी, क्योंकि यहां होने जा रहा है महामुकाबला।

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