युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बनते जा रहे हैं बनारस के ज्वाइंट सीपी सुभाष चंद्र दुबे

युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बनते जा रहे हैं बनारस के ज्वाइंट सीपी सुभाष चंद्र दुबे
वाराणसी। अमूमन पुलिस अधिकारी को आप सड़क पर देखते हैं तो कतरा कर निकल जाना चाहते हैं, लेकिन नगर के ज्वाइंट सीपी सुभाष चंद्र दुबे (अपराध एवं मुख्यालय) इस अवधारणा को तोड़ रहे हैं। हालत ये है कि निरीक्षण के दौरान भी युवा उनसे शिक्षा संबन्धित सवाल पूछने से कतराते नहीं और उसी संजीदगी से ज्वाइंट सीपी युवाओं के जिज्ञासा को शांत भी करते हैं।
सच यही है कि ज्वाइंट सीपी का एक रूप शिक्षक वाला है, जो युवाओं, बच्चों को रोज उनकी जीवन शैली और भविष्य की तस्वीर संवारने की प्रेरणा देते हैं। चाहे वह शिक्षा हो या सामाजिक घटनाओं की बात, पुलिसिंग के अलवा इस ओर भी उनका ध्यान रहता है। ये एक सुखद आश्चर्य है क्योंकि लोगों का अनुभव पुलिस को लेकर अबतक बहुत अच्छा नहीं रहा है। लेकिन वो इस तिलस्म को तोड़ ही नहीं रहे बल्कि आमजन को पुलिस से जोड़ भी रहे हैं।
युवाओं से है खास लगाव
आप सोच भी नहीं सकते कि कोई पुलिस अधिकारी फरियाद व न्याय करने की गुहार सुनने में त्रस्त रहता है, कैसे युवाओं के भविष्य का ताना-बाना भी बुनता है। युवाओं में उनको लेकर इस कदर उत्सुकता है कि अगर निरीक्षण के दौरान कहीं दिख जाएं तो उनसे किसी न किसी विषय पर चर्चा छेड़ देते हैं। जो इनसे मिलता है उसके बाद उसका जवाब यही रहता है कि ये विरल अधिकारी हैं, जो युवाओं, बच्चों और जरुरतमंदों से जुड़ते हैं। वह किसी भी मुद्दे पर डिस्कस करने से नहीं कतराते।
तय है समय फरियादियों के लिए
इन तमाम व्यस्तताओं के बाद भी वह फरियादियों के लिए दो घंटे सुरक्षित रखते हैं। क्योंकि ये उनकी प्राइम ड्यूटी है। अगर किसी कारण दफ्तार में मौजूद न रहे तो उन शिकायतों को न केवल पढ़ते हैं बल्कि उसी वक्त संबन्धित अधिकारी को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई का आदेश देते हैं। इतना ही नहीं, संबन्धित मामलों का फीडबैक भी लेते हैं। सच ये भी है कि थाने से ज्यादा शिकायत इनके दफ्तर तक पहुंचती है, शायद लोगों को ज्वाइंट सीपी से उम्मीदें ज्यादा होंगी
सोशल साइट पर रहते हैं एक्टिव
सुभाष चंद्र दुबे सोशल साइट पर भी एक्टिव रहते हैं। इसके पीछे की वजह उन सवालों को ढूंढ़ना, जो उनसे अछूते हों और फिर उस सवाल का निस्तारण जो आमजन को प्रभावित करता हो। इसके अलावा युवाओं को मोटिवेट करना और सही गलत का फर्क बताना। कानून संबन्धित जानकारी के साथ ही ये भी बताना कि लोगों की सामाजिक जिम्मेदारी क्या है।