आस्था: चिता भस्म की होली देखिये पिक्चरों में

खेले मसाने में होरी दिगम्बर खेले मसाने में होरी भूत नाथ के मंगल होरी पद्मश्री छन्नू लाल द्वारा गायी गयी इस गीत का सार आज पूरी काशी को पता चल रहा है। रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन बाबा विश्वनाथ मान्यताओं के अनुसार अपने गणों यानी भूत-पिचाशों से होली खेलने महाश्मशान पर पहुँचते हैं।
मणिकर्णिक घाट पर स्थित बाबा मसाननाथ के मंदिर में विधिवत आरती के बाद शुरू हुई चिता भस्म की होली का रंग देखने लायक था। इस होली में चिता भस्म के साथ साथ अबीर गुलाल ने फ़िज़ा में होलियाना माहौल बना दिया था। अड़भंगी भगवान् भोलेनाथ के गण मान्यताओं के अनुसार आज के दिन यहां आकर बाबा के साथ होली खेलते हैं।
रंगभरी एकादशी के अगले बाबा भोलेनाथ विश्व प्रसिद्द मणिकर्णिका महाश्मशान पर आते हैं और वहां पंचतत्व में विलीन होने वाले लोगों से जीव जंतुओं से होली खेलते हैं मसान की राख से। इसी परम्परा का निर्वाह करते हुए शुक्रवार को दोपहर मणिकर्णिका महाश्मशान पर भक्तों ने मसान की राख और अबीर गुलाल से चिताओं के बीच होली खेली। इस होली को देख ऐसा लग रहा था मानो भगवान शंकर के गण खुद धरती पर उतर आये हों।
इस सम्बन्ध में बात करते हुए महाश्मशान नाथ मंदिर के महंत गुलशन कपूर ने बताया कि मान्यता के अनुसार रंगभरी एकादशी पर बाबा के भक्त गुलाल से होली खेलते हैं पर उनके अनन्य भक्त गण, भूत पिचाश जो कल की होली से वंचित रह जाते हैं उनसे आज होली खेलने बाबा भोलेनाथ मणिकर्णिका महाश्मशान पर पहुँचते हैं। इसी परम्परा का निर्वहन आज किया गया है।
गुलशन कपूर ने बताया कि आज हम सभी ने बाबा मसान नाथ से कोरोना वायरस से हम सभी की रक्षा करने की प्रार्थना के साथ यह चिता भस्म की होली शुरू की है।
चिता भस्म की इस अनोखी होली में विदेशी पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया। यूनाइटेड स्टेस्ट्स की मारिया ने बताया कि खुद को यहाँ पाकर बहुत खुश और सम्मानित महसूस कर रही हूँ। यह उत्सव अपने आप में अनूठा है। वहीं पहली बार होली देख रही यूनाइटेड स्टेटस की स्काइलर ने कहा कि बहुत ज़्यादा उत्साही हूँ और आश्चर्यचकित हूँ कि ऐसे भी त्यौहार होते हैं।