समाजसेवी मीरा राय के हाथों कपड़ा, कैरम और लूडो पाकर खुशी से झूमे अनाथ बच्चे

समाजसेवी मीरा राय के हाथों कपड़ा, कैरम और लूडो पाकर खुशी से झूमे अनाथ बच्चे
गाजीपुर के एक बाल गृह में बिना डीजे के झूमते ये बच्चे आज खुश नजर आ रहे हैं। इन बच्चों के अपने मां-बाप नहीं हैं। कोई अपने परिजनों से नाराज होकर यहां पहुंचा है, तो किसी के परिजनों ने इन्हें दुत्कार दिया है। यह लोग चाइल्ड लाइन के माध्यम से यहां तक पहुंचे हैं। इस बाल गृह में शासन के द्वारा इन्हें भोजन की व्यवस्था की गई है. लेकिन बच्चों का मन कुछ अलग खाने को और पहनने को होता है।ऐसे में बिना मां-बाप के इन बच्चों के लिए गाजीपुर की एक प्रमुख समाजसेवी इन दिनों इनकी मां बनी हुई है। बच्चे अपनी मां से हमेशा कुछ न कुछ फरमाइश करते रहते हैं। उनकी मां उनकी फरमाइश पूरा करने का हर संभव प्रयास करती हैं।इन सभी लोगों ने पिछले दिनों मीरा राय से कैरम बोर्ड और लूडो की डिमांड रखा था. लेकिन मीरा राय ने इन दो चीजों के अलावा इनके लिए जाड़े में पहनने के लिए गर्म कपड़े जूते के साथ ही इन्हें भोजन में क्या पसंद है यह भी जाना और इनके लिए अपनी तरफ से इनकी मनपसंद भोजन भी बनवाया। इसके साथ में मिठाइयां भी खिलाईं. जिसे पाने और खाने के बाद यह सभी बालक खुशी से झूम उठे. वहीं इस संबंध में मीरा राय ने बताया कि इस बाल गृह के बच्चों की सेवा करने के लिए करीब 2 से 3 साल पहले जिलाधिकारी गाजीपुर ने उन्हें बताया था. तब से लेकर अब तक वह लगातार महीने 2 महीने पर आती रहती हैं और बच्चों के द्वारा जो भी डिमांड किया जाता है उन्हें पूरा करने का प्रयास करती हैं. इसकी प्रेरणा उन्हें खुद की मां से मिली है।समाजसेवी मीरा राय गाजीपुर से लेकर वाराणसी तक अनेको कार्यक्रम समेत मुख्यमंत्री के द्वारा भी सम्मानित हो चुकी है।