June 18, 2025

काशी की तीन विभूतियों को मंगलवार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान : संस्कृत सेवा के लिए प्रोफेसर रामयत्न शुक्ल हुए पुरस्कृत, डोमराजा को मरणोपरांत सम्मान, बोले चन्द्र शेखर- बचपन से ही खेत अपनी तरफ खींचता था

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काशी की तीन विभूतियों को मंगलवार को मिलेगा पद्मश्री सम्मान : संस्कृत सेवा के लिए प्रोफेसर रामयत्न शुक्ल हुए पुरस्कृत, डोमराजा को मरणोपरांत सम्मान, बोले चन्द्र शेखर- बचपन से ही खेत अपनी तरफ खींचता था

काशी की तीन विभूतियों को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। इसमें काशी के डोमराजा स्व. जगदीश चौधरी, प्रो रामयत्न शुक्ल और किसान चंद्रशेखर सिंह शामिल हैं। सम्मान की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण समारोह का आयोजन नहीं किया गया। नौ नवंबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में पद्म सम्मान दिया जाएगा।

संस्कृत सेवा के लिए पुरस्कृत

काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर रामयत्न शुक्ल को संस्कृत की सेवा के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। आमंत्रण मिलने के बाद प्रोफेसर शुक्ल के पुत्र पं. रामाश्रय शुक्ल व भोलानाथ शुक्ल, शिष्य शशांक त्रिपाठी सहित विद्वत परिषद के पदाधिकारी आठ नवंबर को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।

मरणोपरांत सम्मान

डोम राजा स्व. जगदीश चौधरी को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा। उनके पुत्र ओम चौधरी (16) राष्ट्रपति द्वारा नौ नवंबर को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान ग्रहण करेंगे। डोमराजा के तौर पर जगदीश चौधरी का काशी और आसपास के क्षेत्रों में काफी मान रहा है। वह 26 अप्रैल 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी के बतौर सांसद चुनाव के लिए नामांकन के दौरान प्रस्‍तावक भी रह चुके हैं। प्रस्‍तावक बनने के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनका हालचाल लिया था। वहीं 26 अगस्‍त 2020 को उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक भी व्‍यक्‍त किया था। गृह मंत्रालय की ओर से डिप्‍टी सेक्रेटरी विजय कुमार की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि काशी के डोमराजा स्‍व. जगदीश चौधरी के पुत्र को राष्‍ट्रपति भवन के दरबार हाल में 9 नवंबर को भव्‍य समारोह में पिता के मरणोपरांत पद्म सम्‍मान प्रदान किया जाएगा। इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से बीते माह ही पत्र जारी किया गया था। पद्मश्री सम्‍मान शाम पांच बजे से मिलना शुरू होगा।

कृषि क्षेत्र में बेहतर सेवा के लिए सम्मान

किसान चंद्रशेखर सिंह को कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा। किसान चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि महामना की बगिया से खेती करना सीखा हूं और उन्हीं के मार्गदर्शन से चयन भी हुआ है। चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बचपन से ही खेत अपनी तरफ खींचता था। पहले की खेती से पानी और जोताई व मजदूरी के बाद कुछ नही बचता था, सिर्फ घर चलता था। शादी विवाह के लिए खेत बेचने की जरूरत पड़ती थी। बीज के काम में मेहनत के साथ अच्छी कमाई भी होती है। लगातार किसानों की आय और फसल की गुणवत्ता पर काम किये हैं। सीड कंपनी में क्षेत्र की काफी संख्या में महिलाओं को भी रोजगार मिला है।

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