वैज्ञानिक विधि से खेती कर बचत कर सकते हैं किसान -प्रो.यूपी सिंह

वैज्ञानिक विधि से खेती कर बचत कर सकते हैं किसान -प्रो.यूपी सिंह
अन्तर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान की ओर से सुल्तानपुर गांव में हुई वैज्ञानिक किसान गोष्ठी और संवाद
गाजीपुर- अन्तर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान की ओर से सोमवार को क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में कृषि वैज्ञानिक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी मे बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के सस्य वैज्ञानिक प्रो. यूपी सिंह ने संरक्षित खेती के संबंध में किसानों को जानकारी दी।उन्होंने कहा कि अब नई तकनीक और प्रयोगों से यह स्थापित तथ्य है कि कम जुताई से अनेक फायदे हैं।जीरो टिल से गेहूं और धान की बुआई होनी चाहिए।यहां के अधिकांश किसानों ने इस विधि से ही धान की खेती की है।इससे खेती की लागत कम होगी, पर्यावरण संतुलित रहेगा, मृदा का संरक्षण होगा और भूगर्भ जल भी संरक्षित रहेगा।
बीएचयू के ही प्रो.निखिल कुमार सिंह ने खरपतवार नियंत्रण पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि खरपतवार नाशक दवा छिड़कते वक्त नोजल का ध्यान रखना चाहिए।सामान्य के स्थान पर मोटे नोजल से छिड़काव का बेहतर परिणाम आता है।उन्होंने कहा कि दवा अच्छी कंपनी की होनी चाहिए और खरीदते समय रसीद अवश्य लें।धान अनुसंधान संस्थान के सलाहकार डा.रविन्द्रन कुमार ने बीज के रख रखाव और बेहन डालने और बुआई की विधि को विस्तार से बताया।
इस मौके पर आयोजक विनोद प्रधान के साथ पूरी टीम ने खेतों का निरीक्षण कृषकों की मौजूदगी में किया।गोष्ठी में वृज नारायण प्रधान, धनंजय राय,श्री निवास प्रधान, श्याम सुंदर प्रधान, घनश्याम पासवान, श्री सिंह यादव, बृजेश प्रधान, सुरेश प्रधान, राधेश्याम दूबे,मंहगू यादव, रामधन यादव आदि मौजूद रहे।अध्यक्षता पूर्व ग्राम प्रधान डा.अविनाश प्रधान एवं संचालन संस्थान के पूर्वी उत्तर प्रदेश के सलाहकार संतोष कुमार सिंह ने किया।