गुरु वह है जो धर्म का मार्ग दिखाता है:आनन्द कुमार सिंह।*

पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित हुआ गुरुपूजन
संघ में गुरु परम्परा पर हुई विशेष चर्चा।
आदिप्रथम संघ सरसंघचालक श्री केशव बली राम हेडगेवारजी एवं द्वितीय सरसंघचालक गुरु गोलवरकर जी की स्मृति में हुआ माल्यार्पण।
*गुरुपूर्णिमा के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से गुरुपूजन का आयोजन आज दिन रविवार, दिनांक 25 जुलाई को संघ कार्यालय में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कोविड नियमावली को ध्यान में रखते हुए आदिप्रथम संघ सरसंघचालक श्री केशव बली राम हेडगेवारजी एवं द्वितीय सरसंघचालक गुरु गोलवरकर जी के चित्रों पर माल्यापर्ण किया गया। इस अवसर पर जिला प्रचारक प्रेम सागर जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सदर विधानसभा गाज़ीपुर से भाजपा नेता एवं शिक्षाविद आनन्द कुमार सिंह ने भी अपने विचार मंच के पटल से सबके समक्ष रखे।* उन्होंने कहा कि “शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है। अर्थात दो अक्षरों से मिलकर बने ‘गुरु’ शब्द का अर्थ – प्रथम अक्षर ‘गु का अर्थ- ‘अंधकार’ होता है जबकि दूसरे अक्षर ‘रु’ का अर्थ- ‘उसको हटाने वाला’ होता है।अर्थात अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को ‘गुरु’ कहा जाता है। गुरु वह है जो अज्ञान का निराकरण करता है अथवा गुरु वह है जो धर्म का मार्ग दिखाता है।