अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सत्य के साथ खड़ा है: प्रोफेसर आनंद सिंह

सत्यदेव डिग्री कॉलेज गाधिपुरम, (बोरसिया ) फदनपुर, गाजीपुर के सभागार में “राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस”के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ ।इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं वक्ता “सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज” के मुख्य प्रबंधक निदेशक प्रोफेसर आनंद सिंह थे, इस गोष्ठी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के, काशी प्रांत के, गाजीपुर जनपद के संगठन मंत्री श्री रत्नेश जी भी उपस्थित रहे ।
अपने अतिथि भाषण में बोलते हुए प्रोफेसर आनंद सिंह ने “राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस” पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उद्देश्यों को लेकर कहा कि,” “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सत्य के साथ खड़ा है”
आगे उन्होंने विद्यार्थी जीवन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मूल मंत्र “ज्ञान शील और एकता” पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए बताया कि आजादी के बाद जिस तरह देश को चलाने के लिए संसद का गठन हुआ, ठीक उसी तरह छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति में परिवर्तित करने के लिए ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ का गठन हुआ ।

आगे उन्होंने विद्यार्थी परिषद के इतिहास पर चर्चा करते हुए कहा कि, ऊर्जापुञ्ज युवाशक्ति के संवर्द्धन, परिवर्द्धन एवं व्यक्तित्व-विकास को समर्पित विद्यार्थी आन्दोलन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् आज के ही दिन ९ जुलाई १९४९ को अपने ध्येय-पथ पर भारतीयकरण के अभियान के साथ आधिकारिक रूप से अग्रसर हुआ। अपने स्थापना काल १९२५ से ही देश की स्वतन्त्रता एवं राष्ट्र पुनर्निर्माण में तत्पर स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से इस युवा-विकास-पुञ्ज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का स्वतन्त्रता के अरुणिमा के बाद परिमल समीर के प्रवाह सा आगमन हुआ और तभी से युवाशक्ति के उत्थान एवं राष्ट्रोत्थान के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुये यह समीर आजतक निरन्तर अहर्निश अपने गति, लय और तेज के साथ हर प्रकार के अन्याय, अत्याचार के विरुद्ध बिगुल बजाते हुये तथा निर्माण एवं सृजन का नूतन व सुदृढ़ आधार प्रदान करते हुये प्रवाहित है। इस प्रवाह को समय-समय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कुशल नेतृत्व द्वारा किये जाने वाले आन्दोलनों, विरोधों एवं अन्याय के विरुद्ध उठने वाले सशक्त स्वरों से प्राणऊर्जा मिलती रही है। चाहे वह पूर्वोत्तर में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ हो अथवा कश्मीर में फैला उपद्रव या अलगाववाद या बलात्कार और अन्य सामाजिक कुरीतियाँ व अत्याचार, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का युवा सदा हर विषय में सजग रहा है और आवश्यकता पड़ने पर सड़क पर उतरने और अन्यायों से टक्कर लेने में भी तनिक न डिगा है। किसी भी प्रकार की सामाजिक, सामरिक, देश की आन्तरिक एवम् बाह्य समस्याओं से विद्यार्थी परिषद् ने न कभी मुँह मोड़ा है न पीठ दिखायी है। इसका इतिहास इस बात का साक्षी हि कि जिस किसी विषय को इसने उठाया है उसे उसके अन्तिम लक्ष्य तक ले गया है। वह विषय समाज के लिये परिणामकारी एवं कल्याणकारी रहा है।
आदि उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मूल मंत्र “ज्ञान शील और एकता” की व्याख्या करते हुए बताया कि ज्ञान हुआ है जो हमें नम्र बनाता है, हमें किसी के आदर में झुकना सिखाता है, और तभी हम इस उत्सव आचरण को अपने शील में उतार पाते हैं । जब हम विनम्र और सील युक्त होते हैं तभी हम एकता की बात कर सकते हैं । यह एकता जो प्रत्येक मानव से मानव की है,जो हमें विश्व बंधुत्व की कड़ी से जोड़ देती है ।
अपने सत्य के इस मार्ग पर चलता हुआ यह संगठन आज भारत के सैकड़ों विश्वविद्यालयों, हजारों, लाखों, छात्र-छात्राओं तक अपनी पहुंच बना चुका है, जो तन मन से मां भारती की सेवा में, मानव की सेवा में खुद को समर्पित कर रहे हैं ।”
संगठन मंत्री श्री रत्नेश जी ने भी अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि,” अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने लक्ष्य की तरफ निरंतर बढ़ रहा है । चाहे सामाजिक समस्याएं हो या अथवा शैक्षणिक समस्याएं हो या फिर राष्ट्रीय चिंतन की बात हो संगठन निरंतर समस्त समस्याओं से लड़ते हुए आगे बढ़ रहा है । राष्ट्र हित से जुड़े मुद्दों पर देश के उच्चासीन पदों पर बैठे लोगों तक समस्त समस्याओं से अवगत करा रहा है ।”
कार्यक्रम के अंत में सत्यदेव डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर सत्यदेव डिग्री कॉलेज के निदेशक श्री अमित सिंह रघुवंशी तथा समस्त शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का संचालन श्याम कुमार ने किया ।