June 21, 2025

पूर्व प्रधानमंत्री स्व० चंद्रशेखर को 14 वी पुण्यतिथि पर याद किया गया

आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर सिंह की पुण्यतिथि है।आज ही के दिन सन 2007 में चंद्रशेखर जी का निधन हुआ था।प्रख्यात समाजवादी विचारक एवं चिंतक वशिष्ठ नारायण सिंह ने चंद्रशेखर विचार मंच के तत्वावधान में उनकी पुण्यतिथि पर पत्रकार भवन में एक गोष्ठी का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने किया।

इस श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय जी रहे।विशिष्ट अतिथि के रूप में तिलकधारी सिंह महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य अरुण कुमार सिंह एवं ओमप्रकाश सिंह रहे। इस अवसर पर स्वर्गीय चंद्रशेखर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई एवं प्रबुद्ध वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला।वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में स्वर्गीय चंद्रशेखर जी के कार्यों का उल्लेखकर उन्हें कर्मयोगी बताया।

वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह एवं दुष्यंत सिंह ने चंद्रशेखर जी के जीवन के अविस्मरणीय पहलुओं पर प्रकाश डाला।कांग्रेस के नेता राजेश सिंह एवं जौनपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष शशिमोहन सिंह क्षेम ने भी अपने संस्मरण के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए।इस कार्यक्रम का संचालन मधुकर तिवारी ने किया।

अंत में फादर पी विक्टर ने अध्यक्षीय उद्बोधन में चंद्रशेखर जी से अपने व्यक्तिगत सम्बध एवं लगाव का भी जिक्र किया।फादर ने बताया कि जब चन्द्रशेखर जी पदयात्रा करते हुए कन्याकुमारी गए थे तब उनके बड़े भाई ने एक तमिल पत्रिका के लिए उनका हिंदी में साक्षात्कार लिया था।तभी से उनसे एवं उनके परिवार से व्यक्तिगत लगाव हो गया था।गाजीपुर एवं बलिया में 20 वर्षों तक काम करने के दौरान उनको नज़दीक से जानने और समझने का मौका मिला।वे एक महान नेता और विचारक तो थे ही साथ में बहुत भावुक और बहुत ही कठोर भी थे।वे अपनों के लिए रो पड़ते थे वहीं सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करते थे,उसके लिए अत्यंत कठोर हो जाते थे।उनका यह स्वभाव नारियल जैसा था,जो ऊपर से कठोर और अंदर से मुलायम होता है।ऐसी पवित्र आत्माएँ मरती नहीं,अपने विचारों से सदैव जीवित रहती हैं।चन्द्रशेखर जी अपने विचारों एवं कार्यों से सदा अमर रहेंगे।इस अवसर पर प्रेमशंकर यादव,रामदयाल द्विवेदी,राजेश यादव,डॉक्टर रामजी तिवारी,धर्मेंद्र सिंह,राधेश्याम पांडेय आदि ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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