बेटी की सगाई में शामिल हुआ श्री अन्न!

बेटी की सगाई में शामिल हुआ श्री अन्न!
लड़की ने बाजरे का लड्डू खिलाया होने वाले पति को!
मड़वे की रोटी और सांवा की खीर रहा विशेष आकर्षण!
जब होटल ने खड़ा किया हाथ तो घर की महिलाएं आई आगे।
रसगुल्ला छोड़ ज्वार के लड्डू पर टूट पड़े मेहमान।
श्री अन्न की शुरुआत अब मांगलिक कार्यक्रमों में भी होने लगी है। वैसे तो 2023 अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित है किंतु इसका प्रचार प्रसार जमीनी स्तर पर कम देखा जा रहा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इसकी शुरुआत रिंग रोड सिंधोरा कट के पास सद्गुरु फैमिली रेस्टोरेंट्स शुरू हो गई जहां सामाजिक कार्यकर्ता ब्रज भूषण दुबे के बेटी प्राची की सगाई प्रयागराज स्थित फौजी छोटेलाल दुबे के बेटे प्रवीण से हो रही थी जो एयरटेल में मैनेजर के पद पर प्रयागराज में कार्यरत हैं।
प्राची की सगाई के कार्यक्रम में कुल 5 प्रकार के मोटे अनाज को शामिल किया था जिसमें रागी और बाजरे की रोटी, ज्वार तथा बाजरे का का लड्डू सांवां की खीर एवं कोदो की रोटी महमानो को नाश्ता और भोजन के रूप में दी गई।
प्राची ने जहां होने वाले पति प्रवीण को ज्वार और बाजरे का लड्डू खिला कर स्वागत किया वही ब्रज भूषण दुबे ने अपने होने वाले समधी और भूतपूर्व सैनिक छोटेलाल दूबे को सांवां/ झंगोरा की खीर खिलाकर मोटे अनाज को थाली में शामिल करने का संदेश दिया।
प्राची ने अपने होने वाली सासू मां सहित अन्य महिलाओं को ज्वार एवं बाजरे का लड्डू खिलाकर उनका मुंह मीठा कराया। प्राची ने कहा कि हमारे रसोई में पहले से ही मोटा अनाज शामिल है। मैं ससुराल जाकर भी वहां की रसोई में मिलेट्स को बढ़ावा दूंगी।
प्राची स्वयं यूट्यूबर हैं तथा उनके पिता चर्चित यूट्यूबर ब्रज भूषण दूबे के चैनल पर लगभग साढ़े सोलह लाख सब्सक्राइबर एवं करोड़ों दर्शक हैं।
उनके चैनल को 180 देशों द्वारा देखा जाता है।
महिलाओं ने तैयार किया था 100 लोगों के लिए सुपर फूड- सगाई में घराती बराती मिलकर लगभग सौ लोग शामिल थे जिनके लिए स्वयं प्राची उनकी मां रंजना सहित घर व पड़ोस की महिलाओं ने मिलकर बाजरे व ज्वार का लड्डू तैयार किया था जिसे कास व सरपत की डलिया तथा मिट्टी के वर्तन में परसा गया।
श्री अन्न की रोटी बनाने में जब हाथ खड़ा किया होटल ने-
सगाई स्थल सिंधोरा स्थित सद्गुरु रेस्टोरेंट्स ने मड़वा, कोदो बाजरा और ज्वार की रोटी बनाने में हाथ खड़ा कर दिया। कहा हमारे बावर्ची/कुक ऐसे अनाज का नाम तक नहीं सुने हैं वे इनका भोजन बनाएंगे कैसे? बावर्चियों को ऐसे भोजन के वीडियो भी दिखाए गए उसके बाद भी जब वे तैयार नहीं हुए तो महिलाओं ने उठाया बीड़ा और लगभग सौ लोगों के लिए सुपर फूड की रोटियां तैयार कर दिया।
कहां से आया था सुपर फूड-
प्राची के पिता ब्रज भूषण दुबे ने बताया कि ज्वार और बाजरा तो अपने जिले गाजीपुर में गंगा के किनारे वाले गांव से मंगाया था वही सावां, कोदो और मंड़वा/रागी को उत्तराखंड से मंगाया था।
जहां तक इसके मूल्य का सवाल है तो ज्वार बाजरा 35 से ₹40 किलो तक आराम से मिल जाएगा वही मड़वा और सावां यदि उत्तराखंड से मंगाया जाए तो ₹100 किलो से कम के रेट में मिल सकता है। वैसे अब यह सुपर फूड विभिन्न शहरों के माल में बेचे जा रहे हैं।
इसके लड्डू बनाने में देसी गुड़ एवं देसी घी का प्रयोग किया गया था। यदि मूल्य का आकलन किया जाए तो छेना के रसगुल्ला और गुलाब जामुन से कीमत इसकी कम पड़ेगी वहीं सेहत का खजाना है मोटा अनाज। भयंकर बीमारियों से हमको बचाएगा तथा इसका किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।