स्व0 सत्यदेव सिंह की किर्ती रूपी पताका पूरे पूर्वांचल में इस समय फहर रही है

आपके द्वारा जलाया गया शिक्षा की दीप आज प्रकाश पुंज हो गया है
कर्मवीर सत्यदेव सिंह समाजवादी चेतना के शिखर पुरूष थे।आपका जन्म 22 अप्रैल 1929 को हुआ था। आप अद्भुत साहसी एवम चिंतनशील होने के साथ साथ रचनाधर्मी व्यक्तित्व थे।आपके व्यक्तित्व का निर्माण धारा के प्रवाह में हुवा था।जो ब्यक्तित्व संघर्षों से निर्मित होता है उसे भावनाएं पिघला नहीं पाती है।
स्व सत्यदेव सिंह का जन्म 22 अप्रैल 1929 में गाजीपुर जनपद के जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र के बाराचंवर ब्लाक के सागापाली गांव के एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा कक्षा चार तक गांव के स्कूल से एवम कक्षा पांच की शिक्षा करीमुद्दीनपुर से आप पास किये थे। हाईस्कूल की शिक्षा बिहार के डुमरांव से तथा इण्टर मिडिएट की शिक्षा आप सतीश चन्द्र कालेज बलिया से ग्रहण किये थे।वर्ष 1952 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी ए एवं 1961 में बनारस काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम ए की परिक्षा उत्तिर्ण किये। ग्रेजुएशन करने के बाद वर्ष 1957 में आप सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लडे थे।आप महान समाजवादी विचारक एवं धुन के पक्के व्यक्ति थे।वर्ष 1954 -55 में आप मुहम्मदाबाद हाई स्कूल में अध्यापक हो गये।लेकिन मन में राजनीतिक रूझान उसी समय से बढ रही थी।वर्ष 1962 में आप अपने गांव के पास ढोटारी इण्टरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य नियुक्त हो गये थे। निर्धन एवं दलितों के प्रति आपके मन में संवेदना तथा मानस में दायित्वबोध था। तेज तर्रार मस्तिष्क, आभायुक्त मंडल.वाक्पटुता उनके व्यक्तित्व का आकर्षण था।सामाजिक समरसता के स्वभाव ने उन्हें समाज में सम्मानजनक पहचान दी थी। स्व सत्यदेव सिंह सिद्धांत कर्म एवं व्यवहार के आदर्श संगम थे।आत्मीयता से भरा उनका चुम्बकीय व्यक्तित्व बरबस ही किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर लेता था। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रकाश फैलाना उनके जीवन का परम लक्ष्य था।आप कर्तब्यनिष्ठ अनुशासन प्रिय एवं कर्तव्य के प्रति समर्पित आदर्श शिक्षक थे।हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के वे अध्येता थे।आप अंग्रेजी धाराप्रवाह बोल कर सबको चकित कर देते थे।शुरूआती दौर में आप समाजवादी आन्दोलन के साथ जुडे रहे।आचार्य नरेन्द्र देव एवम डा राम मनोहर लोहिया आपकी राजनीति के आदर्श पुरूष थे। समाजवादी आंदोलन एवम शिक्षा के क्षेत्र में आपका महान योगदान है। गीता का योग: कर्मसु कौशलम् आपके जीवन का मूल मंत्र था।जिसका आपने जीवनपर्यन्त अनुसरण किया।इसी का परिणाम है की आज आपकी किर्ती चतुर्दिक फैली हुई है। आपके दो सुयोग्य पुत्र है डा आनन्द सिंह एवम प्रोफेसर डा सानन्द सिंह जो भोपाल एवम बलिया सतीश चन्द्र कालेज में प्रोफेसर है। आप दोनों भी अत्यंत मृदुभाषी. मिलनसार. सरल एवं निर्मल चित्त के व्यक्ति है। आपके कनिष्ठ पुत्र डा सानन्द सिंह ने अपनी कर्मठ साधना के बल पर अपने पिताश्री के सपनों को साकार करने का काम कर दिखाया है। आज अनेक शिक्षण संस्थाएं उनकी किर्ती पताका फहरा रही है।श्री गांधी इंटर कालेज ढोटारी गाजीपुर.डा राम मनोहर लोहिया डिग्री कालेज अध्यात्मपुरम् सागापाली. सत्यदेव इन्स्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी बोरसिया गांधीपुरम्.सत्यदेव डिग्री कालेज बोरसिया. सत्यदेव इंस्टीट्यूट आफ टीचर्स ट्रेनिंग बोरसिया. सत्यदेव कालेज आफ फार्मेसी बोरसिया गाधिपुरम् गाजीपुर, सत्यदेव इण्टर नेशनल स्कूल शिक्षा के जीवन्त देवालय है।जो सत्यदेव सिंह की आत्मा को अमरत्व प्रदान करते है।

कर्मवीर सत्यदेव सिंह की 94 वीं जयंती पर डाक्टर राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज अध्यात्मपुरम गाजीपुर में प्रातः 10 बजे से ब्राह्मण सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा
आपका निधन वर्ष 2017 के 28 दिसम्बर को 88 वर्ष की उम्र में हो गया था।
गाजीपुर जनपद के मालवीय स्व सत्यदेव सिंह जी की पावन स्मृतियों को मेरा शत् शत् नमन्।