शिक्षक का दायित्व कक्षा एवं विद्यालय परिसर तक ही सीमित नहीं है – फादर पी विक्टर

शिक्षक का दायित्व कक्षा एवं विद्यालय परिसर तक ही सीमित नहीं है – फादर पी विक्टर
समीक्षा एवं कार्य योजना बैठक
सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने सत्र 2022-23 की समीक्षा एवं सत्र 2023-24 की कार्य योजना के लिए बैठक आहूत की।बैठक की शुरुआत प्रार्थना गीत से हुई जिसे दीप्ति कश्यप एवं सहयोगी अध्यापिकाओं ने गाया।रुखसार फातिमा ने पवित्र कुरान से रंजना पांडेय ने पवित्र गीता एवं सिस्टर जेनिथा ने पवित्र बाइबिल से पाठ किया।
युद्धरत देशों में शांति के लिए पूर्णिमा पाठक ने शांति पाठ किया। पिछली बैठक में हुई घटनाओं की जानकारी तबस्सुम हसन ने मिनट्स टू मिनट्स वाचन करके बताया।सिस्टर सावरी ने वाराणसी धर्म के धर्माध्यक्ष बिशप फादर यूजीन जोसफ के द्वारा प्रेषित विद्यालय के उद्देश्यों को पढ़ा।इसके बाद विद्यालयों के समिति-प्रभारियों ने अपनी-अपनी समितियों की आख्या प्रस्तुत की।अरविंद कुमार मिश्र ने अनुशासन समिति की,चंचल सिंह ने प्रार्थना सभा समिति की,सिस्टर सेबेस्टिना ने सूचना-पट्ट समिति की,कनीज़ पँजातन ने मुख्य-सूचना-पट्ट समिति की,सौरभ सिन्हा ने स्कूल न्यूज बुलेटिन समिति की,नुरूस सबा ने समसामयिकी समिति,परवेज़ अहमद ने प्रतियोगी परीक्षा समिति की,शिक्षणेत्तर क्रिया कलाप समिति की आख्या आर आर प्रसाद ने प्रस्तुत किया।
इसके अतिरिक्त आरिफा बुसरा ने सर्टिफिकेट एंड मेडल कमेटी की, दीप्ती कश्यप ने समारोह एवं उत्सव समिति की,समीना फ़ारूक़ी ने मंच सज्जा समिति की,अंशू सोनी ने जलपान समिति की,सिस्टर जेनिथा ने प्राथमिक उपचार समिति की,सिस्टर सावरी ने प्रार्थना समिति की,गिरीश कुमार गुप्ता ने पॉक्सो समिति की,माया राय ने स्कूल फेस कमेटी की,संगीता सिंह ने सामाजिक कार्य समिति की,प्रेमशंकर यादव ने चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी की एवं रामजी तिवारी ने मीडिया समिति की आख्या प्रस्तुत किया।
सत्र 2022-23 की आख्या का मूल्यांकन करने के बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने सत्र 2023-24 हेतु कार्य योजनाओं पर विचार विमर्श किया।फादर ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक समाज का निर्माता है और उसका दायित्व कक्षा एवं विद्यालय परिसर तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।शिक्षक की प्राथमिकता समाज के मार्गदर्शन की होती है न कि अर्थ प्राप्ति की।कमजोर एवं अनुशासनहीन विद्यार्थियों के प्रति शिक्षक की भूमिका और भी गुरुतर हो जाती है।उनका विद्यालय से निष्कासन समस्या का हल नहीं है।ऐसे विद्यार्थी यदि विद्यालय से निष्कासित किए जाते हैं तो समाज के लिए बहुत ही घातक स्थिति बन जाती है।
इसके लिए फादर ने तीन विद्यार्थियों हिटलर,मुसोलिनी एवं स्टॅलिन का उदाहरण दिया जो अपनी अनुशासनहीनता के कारण विद्यालय से निष्कासित हुए और तानाशाह बनकर समाज के लिए घातक बने।ऐसे विद्यार्थियों की देखरेख की जिम्मेदारी अध्यापक की ही है ताकि वे स्वयं एवं समाज के लिए घातक न बन सकें।