खाते में नहीं रखा मिनिमम बैलेंस तो लगेगी पेनल्टी, जानिए कौन कौन से बैंक के हैं एैसे नियम

खाते में नहीं रखा मिनिमम बैलेंस तो लगेगी पेनल्टी, जानिए कौन कौन से बैंक के हैं एैसे नियम
हर बैंक अपने सेविंग खाते पर मिनिमम बैलेंस की सीमा रखते हैं. अगर कोई खाताधारक इससे जुड़े नियम को पूरा नहीं करता तो उस पर पेनल्टी लगाई जाती है.
लगभग सभी बैंक जीरो बैलेंस अकाउंट की सुविधा देते हैं, लेकिन यह सुविधा सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होती है. अधिकांश मामलों में बैंक अकाउंटहोल्डर्स को अपने सेविंग अकाउंट में एक निर्धारित राशि बनाए रखनी होती है जिसे एएमबी यानि एवरेज मंथली बैलेंस कहते हैं. अलग-अलग बैंकों का एएमबी अलग-अलग होता है और ग्राहकों को पेनल्टी से बचने के लिए अपने सेविंग अकाउंट में निर्धारित न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की जरूरत होती है.
इस दौरान एएमबी राशि अकाउंट होल्डर की ब्रांच पर भी निर्भर करती है. यह राशि शहरी, मेट्रो, अर्ध-शहरी, या ग्रामीण क्षेत्र में स्थित शाखा के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. आइये एक नजर डालते हैं मिनिमम बैलेंस को लेकर कुछ बड़े बैंकों के नियमों पर –
हर बैंक अपने सेविंग खाते पर मिनिमम बैलेंस की सीमा रखते हैं. अगर कोई खाताधारक इससे जुड़े नियम को पूरा नहीं करता तो उस पर पेनल्टी लगाई जाती है.
लगभग सभी बैंक जीरो बैलेंस अकाउंट की सुविधा देते हैं, लेकिन यह सुविधा सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होती है. अधिकांश मामलों में बैंक अकाउंटहोल्डर्स को अपने सेविंग अकाउंट में एक निर्धारित राशि बनाए रखनी होती है जिसे एएमबी यानि एवरेज मंथली बैलेंस कहते हैं. अलग-अलग बैंकों का एएमबी अलग-अलग होता है और ग्राहकों को पेनल्टी से बचने के लिए अपने सेविंग अकाउंट में निर्धारित न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की जरूरत होती है.
इस दौरान एएमबी राशि अकाउंट होल्डर की ब्रांच पर भी निर्भर करती है. यह राशि शहरी, मेट्रो, अर्ध-शहरी, या ग्रामीण क्षेत्र में स्थित शाखा के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. आइये एक नजर डालते हैं मिनिमम बैलेंस को लेकर कुछ बड़े बैंकों के नियमों पर –
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
एसबीआई के सेविंग अकाउंट्स में एएमबी की जरूरत को मार्च 2020 में समाप्त कर दिया गया था. संशोधन से पहले, एसबीआई अकाउंटहोल्डर्स को एक मेट्रो क्षेत्र में 3,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्र में 2,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में AMB के तहत 1,000 रुपये का मासिक बैलेंस रखना पड़ता था.
यदि ग्राहक AMB मानदंडों को पूरा नहीं कर पाते थे तो प्रति माह 5 रुपये से 15 रुपये के बीच जुर्माना लगाया जाता था. फिलहाल, एक लाख रुपये का मासिक औसत बैलेंस बनाए रखने वाले ग्राहक हर महीने असीमित संख्या में मुफ्त एटीएम निकासी के पात्र हैं.
एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी बैंक के साथ सेविंग अकाउंट होल्डर्स को शहरी और मेट्रो शहरों में 10,000 रुपये का औसत मासिक बैलेंस बनाए रखना जरूरी है. अर्ध-शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम मासिक सीमा 5,000 रुपये निर्धारित की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों को औसतन 2,500 रुपये का तिमाही बैलेंस रखना जरूरी है.
आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई बैंक के नियमित सेविंग अकाउंट होल्डर्स को हर महीने मेट्रो या शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,000 रुपये का न्यूनतम बैलेंस रखना होता है. औसत बैलेंस को बनाए रखने में विफल होने पर जुर्माना लगाता है.
पंजाब नेशनल बैंक
शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं में बचत अकाउंटहोल्डर्स को तिमाही आधार पर 20,000 रुपये की शेष राशि रखने की जरूरत होती है. अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 1,000 रुपये जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम तिमाही औसत शेष 500 रुपये है.
कोटक महिंद्रा बैंक
कोटक महिंद्रा बैंक बचत अकाउंटहोल्डर्स को मेट्रो क्षेत्रों में 10,000 रुपये और गैर-मेट्रो क्षेत्रों में 5,000 रुपये का औसत मासिक बैलेंस रखना होगा. AMB राशि नहीं बनाए रखने पर बैंक, ग्राहकों से AMB राशि का 6% मासिक शुल्क पेनल्टी के रूप में वसूलता है.