June 23, 2025

Electoral Bond; चुनावी चंदे पर केंद्र की सफाई ,कहा चुनावी चंदे की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, अब SC में 6 दिसंबर को होगी डिटेल सुनवाई

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Electoral Bond; चुनावी चंदे पर केंद्र की सफाई ,कहा चुनावी चंदे की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, अब SC में 6 दिसंबर को होगी डिटेल सुनवाई

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर सफाई दी है. केंद्र ने कोर्ट में यह दलील दी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स पोलिटिकल फंडिंग का पारदर्शी तरीका हैं.

शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह जवाब दिया गया है. अब सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले में 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा. कोर्ट में कई याचिकाएं लगी हैं जो इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम पर सवाल खड़े कर रही हैं. 2017 में पहली बार इसकी प्रस्तावना की गई थी, और 2018 में इसे लागू किया गया था. इसे केंद्र ने पोलिटिकल फंडिंग के लिए सोर्स के तौर पर लाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह छह दिसंबर को इस पर गौर करेगा कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के लिए बड़ी बेंच भेजा जाए या नहीं. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण मामला है. उन्होंने इस पर अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से सहयोग मांगा.

इलेक्टोरल बॉन्ड्स बहुत पारदर्शी!

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिये चंदा हासिल करने का तौर-तरीका बहुत पारदर्शी है. इलेक्टोरल बॉन्ड्स को राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयास के तहत नकदी चंदे के विकल्प के तौर पर लाया गया है. देश की शीर्ष अदालत एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कुछ अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

एडीआर की ओर से पैरवी कर रहे वकील प्रशांत भूषण ने गत पांच अप्रैल को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के समक्ष इस मामले को रखा था और कहा था कि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है और इस पर तत्काल सुनवाई होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी, हालांकि यह मामला किसी अदालत के समक्ष नहीं आया.

भूषण ने गत चार अक्टूबर को न्यायालय से आग्रह किया था कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की जाए और केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि मामले के लंबित रहने के दौरान इलेक्टोरल बॉन्ड्स की बिक्री न की जाए.

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