हिजाब विवाद पर नहीं आया अंतिम फैसला, दोनों जजों की राय अलग-अलग, बड़ी बेंच को सौंपा गया मामला

हिजाब विवाद पर नहीं आया अंतिम फैसला, दोनों जजों की राय अलग-अलग, बड़ी बेंच को सौंपा गया मामला
हिजाब विवाद पर नहीं आया अंतिम फैसला, दोनों जजों की राय अलग-अलग, बड़ी बेंच को सौंपा गया मामला
दोनों जजों ने क्या कहा?
जस्टिस गुप्ता ने कहा, “मेरे विचार से इन सभी सवालों का जवाब याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध जाता है. मैं अपील खारिज कर रहा हूं.” उन्होंने सवाल किया कि क्या छात्रों को अनुच्छेद 19, 21, 25 के तहत वस्त्र चुनने का अधिकार मिले? अनुच्छेद 25 की सीमा क्या है? व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजता के अधिकार की व्याख्या किस तरह से की जाए.
जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा, “लड़कियों की शिक्षा अहम है. वह बहुत दिक्कतों का सामना कर पढ़ने आती हैं और हिजाब पर रोक से स्कूल-कॉलेज में ड्रॉप आउट बढ़ा है.” जस्टिस धूलिया ने कहा कि हाई कोर्ट को धार्मिक अनिवार्यता के सवाल पर नहीं जाना चाहिए था. इसे व्यक्तिगत पसंद के तौर पर देखना चाहिए था. मेरी राय अलग है. मैं कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला रद्द करता हूं.