भृगु क्षेत्र बलिया में, लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति के बाद आज बुधवार को 1:00 बजे दिन में श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी करेंगे अयोध्या के लिए प्रस्थान।

भृगु क्षेत्र बलिया में, लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति के बाद आज बुधवार को 1:00 बजे दिन में श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी करेंगे अयोध्या के लिए प्रस्थान।
दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लगी है भारी भींड
4 माह तक चले चातुर्मास व्रत- यज्ञ में प्रवचन के दौरान श्री जीयर स्वामी जी महाराज के मुखारविंद- अमृतवाणी से खूब ज्ञान की वर्षा हुई। जिसका कुछ अंश इस प्रकार है:—
संसार में जो संस्कृति, सभ्यता बची है, यह यज्ञ- पूजा का ही प्रतिफल है: जीयर स्वामी…..जिस रस को कभी भी, किसी समय, पिया जा सकता है उसी रस का नाम है भागवत: जीयर स्वामी….. भागवत महापुराण सिर्फ ग्रंथ नहीं जीवन शैली भी: जीयर स्वामी….. घर में श्रीमद् भागवत महापुराण पढ़ने से घर देवालय हो जाता है: जीयर स्वामी….. शिक्षा के साथ-साथ संस्कार नहीं तो, वह शिक्षा बोझ है: जीयर स्वामी….. परिजन नहीं होते व्यक्ति के पाप के भागी: जीयर स्वामी….. गुरु सिद्ध होना चाहिए, चमत्कारी नहीं? गलत ढंग से आई लक्ष्मी उपद्रवकारी: जीयर स्वामी….. सिर्फ गंगा स्नान और पूजा ही नहीं बल्कि समाज एवं मानवता की सेवा करना भी भक्ति है: जीयर स्वामी….. बामन द्वादशी के दिन पूजा- अर्चना करने पर समस्त पापों का नाश व लक्ष्मी का वास होता है: जीयर स्वामी….. मन, चीत, बुद्धि और अहंकार के कारण मानव संसार के भोग में भटकता है: जीयर स्वामी….. कलयुग में सिर्फ दान पर ही टिका है धर्म: जीयर स्वामी….. कुकर्मी व कदाचारी व्यक्ति का संग नरक देने वाला होता है: जीयर स्वामी….. प्रातः काल अपने हाथों का दर्शन करने से लक्ष्मी की कृपा होती है: जीयर स्वामी….. जिस दिन कोई पर्व हो, उस दिन दातुन से मुंह नहीं धोना चाहिए: जीयर स्वामी….. तपस्या से जीवन सवर्ता है, भोग से नहीं: जीयर स्वामी….. नालायक व्यक्ति के संग में एक क्षण में, बिगड़ा जा सकता है: जियर स्वामी….. धन के लालच में किसी से विश्वासघात नहीं करना चाहिए: जीयर स्वामी….. संसार से मोहभंग किए बिना परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती: जीयर स्वामी….. संत और ईश्वर सबके लिए होते हैं, ये किसी में भेद नहीं करते: जीयर स्वामी….. मन में किसी भी चीज की ज्यादा इच्छा रखना ही दरिद्रता है: जीयर स्वामी….. मनुष्य को कर्मवादी होना चाहिए, भाग्यवादी नहीं: जीयर स्वामी….. मानव द्वारा किए गए अपराध और अपचार का दंड उसे निश्चित रूप में भोगना पड़ता है: जीयर स्वामी….. पूजा-पाठ जप- तप एवं सत्कर्म से कम होता है होनी का प्रभाव: जीयर स्वामी….. अहंकारियों के अहंकार का आहार करते हैं भगवान: जीयर स्वामी….. कहीं भी जाएं दुर्गुण और अपयश लेकर नहीं लौटे: जीयर स्वामी….. मनुष्य के लिए मांस भक्ष्य नहीं अभक्ष्य है: प्रकृति रक्षक मानव ही प्रकृति भंजक हो गया है: जीयर स्वामी….. व्यक्ति को जीवन में अनैतिक एवं दुराचार से बचना चाहिए: जीयर स्वामी….. भागवत पुराण सिर्फ ग्रंथ नहीं जीवनशैली भी: जीयर स्वामी….. गलत तरीके से कमाया धन अनर्थ का कारण बनता है: जीयर स्वामी….. अच्छे कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं: जीयर स्वामी….. जो लोग धर्म की आड़ में, धर्म का चिन्ह धारण कर, धर्म का पालन नहीं करते, वे नर्क के अधिकारी होते हैं: जीयर स्वामी….. बेटा- बेटी के जन्म के ग्यारहवें या बारहवें दिन नामकरण कर देना चाहिए: जीयर स्वामी….. अनीति, उपद्रव द्वारा इकट्ठा धन ज्यादा दिनों तक नहीं चलता: जीयर स्वामी….. सदाचार से रहने वाला ग्रीहस्त भी ब्रह्मचारी: जीयर स्वामी….. भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का ध्यान करने से होता है समस्त पापों का नाश: जीयर स्वामी….. महिलाओं के लिए एकांत में संतों की सेवा वर्जित: जीयर स्वामी….. बिना प्राण प्रतिष्ठा, बिना प्रतिष्ठित मूर्ति की पूजा करने से शोक़ होता है: जीयर स्वामी….. मनुष्य को सुख और दुःख में कभी भी विचलित नहीं होना चाहिए: जीयर स्वामी….. चिंता नहीं, चिंतन करें: जीयर स्वामी….. भटके मन को एक जगह केंद्रित करके बांध लेने का नाम है योग: जीयर स्वामी….. गंगा स्नान का मतलब अनीति, अन्याय, बेईमानी, अधर्म, पाप का त्याग से है: जीयर स्वामी….. व्यक्ति को कभी भी अपनी मर्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए: जीयर स्वामी….. एकादशी का व्रत करने से प्रसन्न होते हैं भगवान विष्णु: जीयर स्वामी….. अच्छे कर्म से होती है सुख की प्राप्ति: लज्जा हमारी राष्ट्र की संस्कृति: जीयर स्वामी….. दूसरों का मंगल करना ही मंगलाचरण: जीयर स्वामी….. सत्य में शांति व धर्म में ही आनंद: जीयर स्वामी….. संतो की असली सेवा उनके उपदेशों का पालन करना: जीयर स्वामी….. संस्कार, संस्कृति, सभ्यता, मनुष्य की पहचान: जीयर स्वामी….. भगवान के अवतारों की कथा सुनने से हृदय के विकार हो जाते हैं बाहर: जीयर स्वामी….. व्यक्ति बड़ा नहीं होता, बड़ी होती है परिस्थिति, मनुष्य को परिस्थिति के अनुसार जीना चाहिए: जीयर स्वामी….. अनीति, अन्याय और छल- कपट द्वारा कमाई गई संपत्ति से नहीं होगा कल्याण: जीयर स्वामी….. धर्म हमें कभी गलत मार्ग पर चलने की आज्ञा नहीं देता: जीयर स्वामी….. जीवन में अगर सदाचार लाना है तो, सर्वप्रथम आहार को शुद्ध करना चाहिए: जीयर स्वामी….. मंत्र जितने अक्षर के हो, उतने लाख बार जप करना चाहिए: जीयर स्वामी…. गुरु कोई व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि दिव्य संदेश तथा उपदेश हैं: जीयर स्वामी….. जब तक संसार से वैराग्य नहीं होगा, तब तक ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो सकती: जियर स्वामी….. भगवान के मुख से प्रगट ग्रंथ एवं पंचम वेद है श्रीमद् भागवत महापुराण: जीयर स्वामी….. जगत की व्यवस्था में लगें, परंतु अपने मृत्यु और काल को याद करते रहिए: जीयर स्वामी….. अच्छे कर्म से सुख की होती है प्राप्ति: राष्ट्र की संस्कृति है लज्जा: जीयर स्वामी….. धार्मिक अनुष्ठान का व्यवसायीकरण ठीक नहीं: जीयर स्वामी….. मनुष्य को विषम परिस्थितियों में भी अपनी नैतिकता का परित्याग नहीं करना चाहिए: जीयर स्वामी….. शरीर पर पहने गए छोटे वस्त्र मानव के मर्यादा एवं लज्जा को भंग करते हैं: जीयर स्वामी….
जय श्रीमन्नारायण!