आज से आरंभ हुआ कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए क्या करें-आचार्य पंडित अभिषेक तिवारी

आज से आरंभ हुआ कार्तिक मास, जानिए भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए क्या करें-आचार्य पंडित अभिषेक तिवारी
हिन्दू धर्म में हर एक माह की अपनी एक अलग ही महिमा है। हर एक माह, अपने साथ विशेष तिथियां और कई प्रकार के उत्सव लेकर आता है। इसी कड़ी में एक माह है ‘कार्तिक’, जिसे दामोदर मास भी कहा जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है। पूरे कार्तिक मास में स्नान, दान और भागवत पूजन किया जाता है। कार्तिक मास को जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने अक्षय फल देने वाला बताया है।
ब्रह्मा जी ने स्वयं कार्तिक मास की महिमा बताते हुए कहा है कि, “कार्तिक मास सब मासों में उत्तम मास है एवं महीनों में कार्तिक, देवताओं में भगवान विष्णु और तीर्थों में नारायण तीर्थ श्रेष्ठ हैं।” ‘न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगं, न वेदं सदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समं’ अर्थात् कार्तिक के समान कोई मास नहीं है, न सतयुग के समान कोई युग, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और न गंगा के समान कोई तीर्थ। इस महीने में तैंतीस कोटि देवी-देवता, मनुष्य के सन्निकट हो जाते हैं और इस माह में किए गए स्नान, भोजन, व्रत, तिल, धेनु, सुवर्ण, रजत, भूमि, वस्त्र आदि के दानों को विधिपूर्वक ग्रहण करते हैं।
दीपदान
कार्तिक मास के पहले पंद्रह दिनों की रातें, वर्ष की सबसे काली रातों में से होती हैं। मान्यता है कि लक्ष्मीपति के जागने के ठीक पंद्रह दिन पूर्व से, प्रतिदिन दीप का प्रज्ज्वलन करने पर, जीवन में नई दिशा मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में प्रतिदिन किसी पवित्र नदी, तीर्थ स्थल, मंदिर या फिर घर में रखी हुई तुलसी के पास, दीपदान अवश्य करना चाहिए। जो स्वयं दीपदान करने में असमर्थ हो, वह दूसरे के बुझे हुए दीप को जला दे अथवा हवा आदि से उसकी रक्षा करे। माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर उसके घर को धन-धान्य से भर देती हैं।
तुलसी की पूजा
कार्तिक मास में वृंदा यानी तुलसी की पूजा का काफी महत्व है। भगवान विष्णु, तुलसी के हृदय में शालिग्राम के रूप में निवास करते हैं। माना जाता है कि स्वास्थ्य को समर्पित इस मास में तुलसी पूजा व तुलसी दल का प्रसाद ग्रहण करने से श्रेष्ठ स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यह भी माना जाता है कि तुलसी, यमदूतों के भय से मुक्ति प्रदान करती है।