स्वामी जी महाराज 12 अक्टूबर को अयोध्या के लिए करेंगे प्रस्थान

स्वामी जी महाराज 12 अक्टूबर को अयोध्या के लिए करेंगे प्रस्थान
भारत के महान संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के श्री शिष्य जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा चतुर्मास्य व्रत समापन के बाद पांच दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ ऐतिहासिक रहा। यह यज्ञ बलिया जनपद के लिए यादगार पल रहेगा। बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश सहित भारत के कोने कोने से लाखों की संख्या में लोगों ने इस यज्ञ में हिस्सा लिया। तथा उसे यादगार पल बना दिया।लोगों की इतनी उम्मीद भी नहीं थी इतना जनसैलाब इस महायज्ञ में उमड़ पड़ेगा। 14 जून 2022 से लेकर 4 अक्टूबर 2022 तक चले चतुर्मास व्रत में के दौरान श्री जीयर स्वामी जी के मुखारविंद से लोगों ने जीवन जीने की कला से लेकर नारायण से साक्षात्कार करने का ज्ञान सीखा। स्वामी जी महाराज ने प्रवचन के दौरान जीवन में आने वाली हर समस्याओं के समाधान का तरीका बताया। धीरे धीरे भव्य बने प्रवचन पंडाल में लोगों की संख्या बढ़ती चली गई। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की भीड़ ज्यादा रही। लोग काफी तन्मयता से स्वामी जी के प्रवचन को अपने जीवन में सारगर्भित तरीके से संजोने का प्रयास किया। यज्ञ समिति के लोगों ने भी अथक प्रयास किया कोई कसर नहीं छोड़ा।
बाहर से आने वाले अतिथियों के खाने पीने तथा रहने की व्यवस्था को लेकर काफी तत्पर दिखे। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जी के पुत्र राज्यसभा सांसद नीरज शेखर तथा यज्ञ समिति के मुख्य संरक्षक तथा उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह तथा उप संरक्षक कमलेश सिंह के नेतृत्व में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता रात दिन एक कर दिए। जिसका परिणाम हुआ कि इतना बड़ा महायज्ञ 100% सफल रहा। 4 अक्टूबर 2022 को हो रहे कलश यात्रा के दौरान जमकर बारिश हुई।लेकिन इसके ऊपर आस्था का जनसैलाब भारी पड़ा। खराब मौसम के बावजूद लाखों लोगों ने कलश यात्रा में हिस्सा लेकर यह बता दिया कि कैसा भी मौसम हो आस्था को प्रभावित नहीं कर सकता।छोटे छोटे बच्चे बूढ़े महिला पुरुष से लेकर हर उम्र के लोगों ने कलश यात्रा में हिस्सा लेकर यादगार बना दिया। उसके बाद 8 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में भारत के कोने-कोने से आए संत महात्मा ने एक मंच से सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागृत किया। धर्म सम्मेलन के दिन तो लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सूत्रों की माने तो करीब 15 से 20 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। जिसमें दर्जनों केंद्रीय मंत्री राज्य सरकार के दर्जनों मंत्री तथा अनेकों सांसद विधायक आदि ने हिस्सा लिया।देखने से ऐसा लग रहा था मानो यहीं पर कुंभ लगी हो।
10 10 किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी संभालते नजर आए इतने चौड़े nh31 पूरे 5 दिन तक जाम रहा। 128 छोटे तथा एक बड़े यज्ञ मंडप में बने सैंकड़ो हवन कुंडों में विश्व शांति हेतु करीब 500 यजमानों ने दर्जनों आचार्य गणों के मंत्रोचार के बीच एक साथ आहुति दिया। जो कि बलिया जनपद के लिए एक गौरवशाली क्षण रहा। एक तरफ विशाल बने यज्ञ मंडप के चारों तरफ हजारों की संख्या में लोग परिक्रमा कर रहे थे तो दूसरी तरफ लोग देश के आए कोने कोने से संतों का दर्शन कर रहे थे। और बगल में बने भब्य पंडाल में लाखों की संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। जिसमें यज्ञ समिति के सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता सब की सेवा में लगे हुए थे। विभिन्न समाचार पत्रों ने भी स्वामी जी के चतुर्मास व्रत से लेकर लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के अंतिम सफर तक अपने अपने स्तर से भरपूर प्रकाशन किया। मीडिया प्रभारी अखिलेश बाबा ने बताया कि पूरे भारत में स्वामी जी के शिष्य करोड़ों की संख्या में बन चुके हैं। जिनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। यज्ञ के अंतिम दिन भव्य तरीके से सांस्कृतिक भजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें नेता सह अभिनेता मनोज तिवारी मृदुल भरत शर्मा व्यास गोपाल राय अंकुश राजा सहित दर्जनों कलाकारों ने स्वामीजी पर बने भजन गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वामी जी महाराज ने पूरे प्रवचन में लोगों को सारगर्भित बातों को बताया कि जीवन में कैसे जीना है लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना है। किसी को अपमानित नहीं करना चाहिए। किसी भी जीव को मारकर खाने का अधिकार किसी को नहीं है। मनुष्य को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए। क्योंकि 84 लाख योनियों में सिर्फ मनुष्य ही अपने फायदे के लिए मर्यादा से हटकर जीने लगता है। बाकी सभी जीव अपने अपने मर्यादा में रहते हैं। संसार का कोई भी प्राणी अपनी मर्यादा से हटकर नहीं रहता है। उसका वही कर्म बताया गया है वही उसके लिए नियम बनाया गया है। लेकिन मनुष्य ही ऐसा प्राणी है कि जो कि अपने फायदे के लिए अधिक गलत काम करता है। स्वामी जी महाराज ने लोगों को बताया कि बेवजह किसी भी वृक्ष को नहीं काटना चाहिए यह पर्यावरण के धरोहर है।बिना वजह पहाड़ों की कटाई नहीं करनी चाहिए यह सब प्रकृति के संसाधन है इसको तहस-नहस करने से जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को जीवन में श्रीमद् भागवत कथा का पाठ अवश्य श्रवण करना चाहिए क्योंकि भागवत कथा मोक्ष का द्वार है।यह स्वर्ग में भी सुनने को नहीं मिल सकता। यह संतों के मुख से ही संभव है।स्वामी जी महाराज 12 अक्टूबर 2022 को अयोध्या के लिए प्रस्थान कर जाएंगे