लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में हिस्सा लेने से जीवन की सारी परेशानियां समाप्त हो जाती है-डॉक्टर श्याम सुंदर पाराशर जी

लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में हिस्सा लेने से जीवन की सारी परेशानियां समाप्त हो जाती है-डॉक्टर श्याम सुंदर पाराशर जी
बलिया यज्ञ स्थल पर श्री जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने हेतु हजारों की संख्या में महिला तथा पुरुष काफी दूर-दूर से आ रहे हैं। पूरा यज्ञ स्थल सहित कई किलोमीटर का क्षेत्र बिल्कुल रमणीक बन चुका है।दूर-दूर तक दूधिया रोशनी से सजाया गया है। बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश आदि जगहों से काफी संख्या में भक्तगण आकर यज्ञ में हिस्सा ले रहे हैं। एन एच 31 के एक तरफ बने विशाल यज्ञ मंडप में हजारों की संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा कर रहे हैं तथा दूसरी तरफ विशाल प्रवचन पंडाल में भारत के कोने-कोने से आए संत महात्मा प्रवचन कर रहे हैं। तथा एक तरफ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। हजारों की संख्या में कार्यकर्ता लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। स्वामी जी के दर्शन को लेकर काफी संख्या में लोग जुट रहे हैं। रात्रि में यज्ञ मंडप सहित पूरा क्षेत्र का नजारा अद्भुत दिखाई दे रहा है। तरह-तरह के रंग बिरंगी लाइट से पूरे यज्ञक्षेत्र को सजाया गया है। जो कि दूर से ही भव्य तरीके से दिखाई दे रहा है। डॉक्टर श्याम सुंदर पाराशर जी महाराज तथा राष्ट्रीय प्रवचन कर्ता श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी द्वारा प्रवचन किया जा रहा है।श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि जो कृष्ण के रस में डूब गया समझो उसका जीवन धन्य हो गया। कितनी भी बड़ी विपत्ति हो कितना भी बड़ा संकट हो। अगर कृष्ण का भजन करते रहे तो सब कुछ समाप्त हो जाता है। तथा जीवन में नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। उन्होंने कहा कि जिस किसी ने कृष्ण की भक्ति की उसका जीवन धन्य हो गया। विपत्ति उनके समक्ष भी नहीं जाती है।कृष्ण के बाल लीला का दर्शन पूरे ब्रह्मांड में देवी देवता भी याद करते रहते हैं। कृष्ण के भक्ति में डूबे रहते हैं।देवलोक में भी कृष्ण के बाल लीला का सदा गुणगान होता रहता है। इसलिए विषम परिस्थिति में भी संकट से बचने के लिए कृष्ण की भक्ति करते रहिए। जीवन की नैया पार हो जाएगी।
डॉक्टर श्याम सुंदर पाराशर जी महाराज ने कहा कि श्री राम अगर जंगल में नहीं जाते तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम नहीं होते। सिर्फ राम हीं रह जाते। जीवन में अनेकों कठिनाइयां आई तरह तरह की परेशानियां आई लेकिन श्री राम प्रभु ने अपनी मर्यादा का त्याग नहीं किया।इसलिए हमें यही शिक्षा मिलती है कि विषम परिस्थितियों में भी मनुष्य को अपने मर्यादा का परित्याग नहीं करना चाहिए। स्वामी जी महाराज ने कहा कि जिस का सौभाग्य होता है वह श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में हिस्सा लेता है। अगर किसी ने एक बार भी यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर लिया तो समझो की समस्याओं का अंत हो गया। क्योंकि यज्ञमण्डप में 33 कोटि देवता विराजमान होते हैं। बड़े-बड़े सुर नर मुनि संत महात्मा लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की प्रतीक्षा में रहते हैं तथा यज्ञ मंडप का दर्शन करने के लिए व्याकुल रहते हैं। इसलिए मनुष्य को जब भी मौका मिले लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में हिस्सा लेना चाहिए। लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में हिस्सा लेने से जीवन की सारी परेशानियां समाप्त हो जाती है। घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। संत का दर्शन अवश्य करना चाहिए संत के दर्शन का ऐसा फल होता है कि जो सात जन्मों में संभव नहीं होता है वह संत के दर्शन से तुरन्त प्राप्त हो जाता है।अगर किसी ने सच्चे संत का दर्शन कर लिया तो समझो कि उसका जीवन धन्य हो गया। घर पर आए अतिथियों का, संत महात्मा का सत्कार करना चाहिए।
अगर कोई संत महात्मा तथा द्वार पर आए अतिथियों का सम्मान नहीं करता है तो उसके घर से लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है उसके घर में दरिद्रता प्रवेश कर जाती है इसलिए संत महात्मा का दर्शन करते रहना चाहिए उनकी सेवा करती रहनी चाहिए इससे घर में समृद्धि बनती है तथा व्यक्ति के जीवन में उजाला भर जाता है। 8 अक्टूबर को धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसके लिए भारत के कोने-कोने से साधु संत का आगमन हो चुका है। कार्यक्रम 10:00 बजे दिन से लेकर शाम 4:00 बजे तक चलेगा जिसमें काशी मथुरा बनारस दक्षिण भारत सहित भारत के कोने कोने से साधु संत सैकड़ों की संख्या में मंच पर आसीन होंगे जिसके लिए यज्ञ समिति की तरफ से व्यापक स्तर पर तैयारियां कर ली गई है। आज यज्ञ स्थल पर उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेंद्र चौधरी जी गोरखपुर मंडल के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह जी बलिया नगर के विधायक एवं यज्ञ समिति के मुख्य संरक्षक परिवहन मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार दयाशंकर सिंह जी राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश दानिश आजाद अंसारी जी यज्ञ समिति के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद नीरज शेखर पूज्य जीयर स्वामी जी का दर्शन एवं सानिध्य लाभ प्राप्त किए