खादी उद्योग की बढ़ती ताकत के पीछे महिलाओ का बहुत बड़ा योगदान

खादी उद्योग की बढ़ती ताकत के पीछे महिलाओ का बहुत बड़ा योगदान
वाराणसी – 1 अक्तूबर, गाँधी जयंती कि पूर्व संध्या पर हुनर-ए-बनारस के तत्वाधान में आज साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, बसनी में “फैशन उद्योग में खादी का योगदान” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया | कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हुनर-ए-बनारस के निदेशक अजय सिंह ने कहा कि खादी केवल कपड़ा नही है बल्कि एक विचार है जिसमे पराधीन भारत में स्वतंत्रता की ज्योति को प्रज्जवलित किया तथा खादी उद्योग कि बढ़ती ताकत के पीछे महिलाओ का बहुत बड़ा योगदान है | उद्यमिता कि भावना हमारी बहनों व् बेटियों में कूट कूट कर भरी है |
फैशन डिजाइनर समरीन फातिमा ने महिलाओ को संबोधित करते हुए कहा कि अब खादी अन्तराष्ट्रीय डिजाइनरो की भी पसंद बन चुकी है और यह पुरुष, महिला एवं सभी को पसंद आ रहा है | आगे उन्होंने कहा कि खादी ने इस कथन को सच किया है कि नवाचार वही है जो समकालीन फैशन को प्रासंगिक बनाता है |
कार्यक्रम का संचालन हुनर-ए-बनारस की डिजाइनर अनुपमा दुबे ने कहा कि हुनर-ए-बनारस गाँधी जी का सम्मान करते हुए डिजिटल तकनीक के प्रयोग से गुणवत्तापूर्ण व् फैशन के अनुरूप महिलाओ को स्वरोजगारन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करके महिलाओ को सफल उद्यमी बनने में अपनी भूमिका का निर्वहन करने को तत्पर है |
कार्यक्रम में आर्यावर्त फाउंडेशन के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला, हेंडीक्राफ्ट डिजाइनर, डिजाइनर अबुल आरसी, हर्ष सिंह एवं राजेश कुमार आदि लोग शामिल रहे |