June 24, 2025

दशहरा राक्षस संस्कृति पर वैदिक संस्कृति का विजयपर्व है- स्वामी राजनारायणचार्य

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दशहरा राक्षस संस्कृति पर वैदिक संस्कृति का विजयपर्व है-
स्वामी राजनारायणचार्य

जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राजनारायणचार्य पूर्वांचल भक्तिपीठ,श्रीतिरुपति बालाजी मंदिर देवरिया उत्तरप्रदेश ने कहा की ज्ञातव्य है कि विजयादशमी { दशहरा } सनातनधर्म को माननेवाले हिन्दुओं का प्रसिद्ध मान्यपर्व है।
दशहरा राक्षस संस्कृति पर वैदिक संस्कृति का विजयपर्व है।
दशहरा रावण { आतंकवाद } पर श्रीराम { आदर्शवाद } का विजयपर्व है।

 

इस वर्ष ५ अक्टूबर २०२२ ई. बुधवार को दिन में ११ बजकर ९ मिनट तक दशमी तिथि भोग कर रही है।
विजयादशमी के दिन श्रवण नक्षत्र की प्रधानता होती है ।
मूल नक्षत्र में देवी का आवाहन तथा श्रवण नक्षत्र में विसर्जन की शास्त्रीय परम्परा रही है।
यद्यपि ४ अक्टूबर मंगलवार को अपराह्न में दशमी तिथि होने से पंचांगों ने उसी दिन विजयादशमी पर्व बताया है,वह भी ठीक है।

ध्यातव्य है कि शरद ऋतु के कन्या राशि पर सूर्य हों, दशमी तिथि तथा श्रवण नक्षत्र हो तो उसी दिन विजयादशमी { दशहरा } पर्व मनाना चाहिए,क्योंकि यही समसामयिक भी है।
४ अक्टूबर को तो पूर्वांचल में महानवमी का मेला होगा।
अतः ५ अक्टूबर २०२२ ई. बुधवार को दशहरा पर्व मनाना श्रेयस्कर रहेगा।

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